श्रद्धा का सैलाब उमड़ा.... चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
उज्जैन। वर्ष में एक बार सिर्फ नाग पंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के ऊपरी हिस्से में खुलने वाले नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा 20- 21 अगस्त की दरमियानी आधी रात में नाग चंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले और जय महाकाल के जय घोष के साथ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। आधी रात से लेकर 21 अगस्त की अर्धरात्रि तक दर्शन का सिलसिला जारी रहा। जिला प्रशासन ने चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन करने का अनुमान लगाया है।
मंदिर के पट खुलते ही महानिर्वाणी अखाड़े के महंत ने परंपरा अनुसार भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा- अर्चना की। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासकीय अधिकारी मौजूद थे।
अर्ध रात्रि से जन सैलाब सिलसिला
कपाट के खुलते ही नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी करें लग गई। ये कतारे मंदिर के कपाट खुलने से ठीक 12 घंटे पहले से ही लग चुकी थी। वे अपने नंबर के आने का इंतजार करते रहे। जिला एवं मंदिर प्रशासन ने दर्शनार्थियों की सुविधाओं के लिए कड़े प्रबंध किया। इसके बावजूद अवस्थाओं का दौर- दौरा जारी रहा। लाखों की भीड़ को संभालना इतना आसान नहीं होता। प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। दर्शन के लिए की गई व्यवस्थाओं को लेकर श्रद्धालुओं में असंतोष देखा गया। नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट 21 अगस्त की अर्धरात्रि को बंद हो गए।
प्रजा के हाल लेने निकले महाकाल श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशी की बात थी कि सोमवार के दिन ही नाग पंचमी और महाकाल की सवारी निकली। सोमवार दोपहर से ही महाकाल की सवारी के सारे इंतजाम किए गए। सवारी अपनी परंपरा अनुसार मार्ग से निकली। रामघाट पर जलाभिषेक हुआ। पूरे मार्ग में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा बना रहा।