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Home - उज्जैन << आध्यात्मिक और आत्मीयता के माहौल में सभी वर्गों को मिला पूज्य संतों का सानिध्य देश भर से पधारे संत, महात्मा गाँव-गाँव जाकर दे रहे हैं एकात्मकता को बढ़ावा

आध्यात्मिक और आत्मीयता के माहौल में सभी वर्गों को मिला पूज्य संतों का सानिध्य देश भर से पधारे संत, महात्मा गाँव-गाँव जाकर दे रहे हैं एकात्मकता को बढ़ावा


उज्जैन 18 अगस्त। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में सामाजिक सदभाव और समरसता के उद्देश्य से
निकली स्नेह यात्रा के दूसरे दिन सभी वर्गों को आध्यात्मिक और आत्मीयता के माहौल में पूज्य संतों का
सानिध्य मिला। यात्रा प्रतिदिन विविध सेवा बस्तियों में प्रवास कर समरसता का संदेश दे रहीं हैं। प्रतिष्ठित संतों
के साथ चल रही स्नेह यात्रा घर-घर जाकर समाज को एकता के सूत्र में जोड़ रही है। संत परम्परा के अनुभूति
के लिये परम्परागत कलावा बंधन, सामुहिक संकीर्तन, प्रवचन और भजन मण्डलियों की प्रस्तुतियों से गाँव-गाँव
का वातावरण श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण हो रहा है। देश भर से पधारे संत, महात्मा गाँव-गाँव जाकर
एकात्मकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रदेश के सभी जिलों में स्नेह यात्रा का सभी ग्रामवासियों ने ढोल बाजा के साथ पुष्प अर्पण कर
आत्मीयता से स्वागत किया। सम्माननीय संतों ने स्थानीय लोगों को तिलक कर और रक्षासूत्र बाँध कर
आशीर्वाद दिया। सामाजिक समरसता और सद्भावना की प्रेरणा के साथ संतों ने स्थानीय लोगों के साथ सहभोज
भी किया।
प्रत्येक दिन स्नेह यात्रा का विशेष आकर्षण के साथ समापन होता है। इस अवसर पर सत्संग और
सहभोज भी आयोजित होते हैं, जिसमें स्थानीय जन जात-पात का भेदभाव भुलाकर एक थाल-एक ख्याल की
भावना से खिचड़ी का प्रसाद गृहण करते हैं। सही मायनों में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का प्रसाद गृहण करना
सभी जाति और वर्गों के एकाकार हो जाने की ही अभिव्यक्ति है।

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