विक्रम उद्योगपुरी में आकार ले रहे हैं 4028 करोड़ के नवीन उद्योग 35 इकाईयों को 331.856 एकड़ जमीन आवंटित अमूल दुग्ध उद्योग 400 करोड़ का निवेश कर रहा है
उज्जैन 12 अगस्त। उज्जैन शहर से मात्र 15 किलो मीटर दूर विक्रम उद्योगपुरी में नवीन
उद्योगों की 35 इकाईयां स्थापित होने जा रही है। 4028 करोड़ के निवेश से एक बड़ा औद्योगिक
शहर विकसित होगा, जिससे लगभग 15 हजार व्यक्तियों को सीधा व इससे तीन गुना व्यक्तियों को
अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। चार से पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश आगामी समय में यहां पर होगा,
जिससे उज्जैन के आर्थिक विकास को पंख लगेंगे। एक तरफ महाकाल लोक और दूसरी ओर विक्रम
उद्योगपुरी मिलकर उज्जैन शहर के आर्थिक परिदृश्य को बदल देंगे। आज विक्रम उद्योगपुरी का
उज्जैन शहर के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को अवलोकन कराया गया। अवलोकन के
दौरान कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, मप्र औद्योगिक विकास निगम
इन्दौर के कार्यपालक निदेशक श्री राजेश राठौर, एकेवीएन के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन, श्री दुर्गेश
चौहान, महाप्रबंधक श्री एसके विजयवर्गीय मौजूद थे।
इस अवसर पर कलेकटर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि वर्ष 2017 में एकेवीएन में जब
विक्रम उद्योगपुरी का कार्य प्रारम्भ किया तब वे निगम के प्रबंध संचालक थे। वर्ष 2019 में यहां के
इस प्रोजेक्ट पर काम प्रारम्भ हुआ और आज यहां ठीक वैसा ही इण्डस्ट्रीयल पार्क बन गया है, जैसी
की कल्पना की थी। प्रोजेक्ट की विशेषता है कि यहां पर कमर्शियल पार्क व हाउसिंग के लिये भी
जमीन आरक्षित की गई है। उन्होंने कहा कि विक्रम उद्योगपुरी में लगने वाले उद्योगों में कर्नाटक
बायोटेक का उल्लेख करना इसलिये आवश्यक है कि यह आत्म निर्भर भारत अभियान में दवा बनाने
के लिये लगने वाले कच्चे माल (एपीआई) का प्रोडक्शन करेगी। इससे चीन पर निर्भरता कम होगी।
कलेक्टर ने कहा कि यहां पर 10 से 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और उज्जैन की
इकोनॉमी बूस्ट होगी। कलेक्टर ने कहा कि मध्य प्रदेश एक ऐसा स्टेट है जहां पर बहुत आसानी से
उद्योगपतियोयं को जमीन मिलती है, यही प्रदेश की ताकत है। इस ताकत को और बढ़ाने में मीडिया
को सहयोग करना चाहिये।
औद्योगिक विकास निगम इन्दौर के कार्यपालक निदेशक श्री राजेन्द्र राठौर ने कहा कि यहां पर
कुल चार हजार करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट लगाये जा रहे हैं। मेडिकल डिवाइस के लिये 16 युनिट ने
अपने लिये जमीन अलॉट करवा ली है। यहां पर बाहर से बड़ी तादाद में इन्वेस्टर आ रहे हैं। पुलिस
अधीक्षक श्री सचिन शर्मा ने कहा कि जिस स्थान पर औद्योगिक क्रान्ति होती है, वहीं पर सर्वाधिक
इसके लाभ पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से यहां के बच्चों को बाहर नहीं जाना
पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर जो भी सुरक्षा की आवश्यकता होगी, वह उपलब्ध करवाई जायेगी।
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एकेवीएन के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विक्रम
उद्योगपुरी में 35 इकाईयों को 331.856 एकड़ भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु आवंटित की जा चुकी
है, जिनमें प्रस्तावित निवेश 4028 करोड़ का है। औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आवंटित करवाने वाली
कंपनियां हैं गुजरात पंचमहल की अमूल, मेसर्स निवास फार्मा प्रा.लि.उज्जैन, जेके लाईफ केयर सेन्टर,
मेसर्स सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट तेलंगाना, मेसर्स सीपी पेन्ट्स कर्नाटक बायोटेक, आरएसएल, फेना
प्रा.लि., सिम बायोटेक लाईफ साइंसेस, आशिर्वाद पाइप्स एवं पेप्सिको लिमिटेड प्रमुख है। उन्होंने
बताया कि दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर देश के छह प्रान्तों व कई जिलों से गुजर रहा है। इनमें
से विक्रम उद्योगपुरी एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के रसायन
एवं उर्वरक मंत्रालय व औषध विभाग के निर्देश अनुसार विक्रम उद्योगपुरी में 360 एकड़ के क्षेत्रफल
में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।