सोमवार को सवारी और नागपंचमी एक ही दिन हैं, इसी को लेकर तैयारियों की समीक्षा की जा रही हैं
उज्जैन- इस बार सावन महिने में सोमवार की सवारी और नागपंचमी एक दिन हैं। इसी के चलते श्रद्धालुओं सुगमता से दर्शन कराने की व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई। श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर में तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के मंदिर के पट 20 अगस्त रविवार को रात 12 बजे खोले जायेंगे। भगवान नागचन्द्रेश्वर को सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत की ओर से मध्य रात्रि में पूजन-अर्चन किया जायेंगा। इस बार संयोग से इसी दिन सोमवार को भगवान बाबा महाकाल की सवारी भी निकलेगी। ऐसे में प्रशासन के सामने सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की व्यवस्थाओं पर चर्चा शुरू हो गई हैं। बुधवार को कलेक्टर ने बैठक लेकर पहले पिछले वर्ष की गई दर्शन व्यवस्था को समझा हैं। अधिकारी एक बार फिर दौरा कर नई व्यवस्था की तैयारी करेगें। अधिकारियों द्वारा व्यवस्था को लेकर निरिक्षण किया जायेंगा। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। सोमवार को नागपंचमी होने के साथ ही भगवान महाकाल की सातवी सवारी भी निकलेगी। बाबा महाकाल की सवारी और नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में दर्शनार्थी दर्शन के लिए शहर में रहेंगे। नागपंचमी पर दर्शन व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने मंदिर समिति के सदस्यों व अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की गई हैं। पिछले वर्ष की दर्शन व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करने के साथ ही इस बार नागपंचमी और महाकाल की सवारी एक साथ होने के कारण लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना हैं।