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महाकाल फेज-2 के कार्य स्मार्ट सिटी के लिए चुनौती बन गया


महाकाल फेज-2 के कार्य स्मार्ट सिटी के लिए चुनौती बन गया  हैं। टारगेट के तहत 31 जुलाई तक कार्य पूरे करने में इंजीनियर्स व ठेका कंपनी के पसीने छूट गए इसके बाद कल देर रात कमिश्नर कलेक्टर ने किया दौरा काम की स्पीड बढ़ाने के दिए निर्देश अब होगा १८ घंटे काम । वही ३१ सितम्बर आखिरी तारीख तय की गयी है  अब तक केवल  से 70 प्रतिशत कार्य ही हो पाए हैं। ऐसे में टारगेट के तहत कार्य पूरे होने में संदेहहो रहा था ऐसे में उठाया प्रशासन ने बड़ा कदम ।

इंजीनियर्स व अधिकारियों ने टारगेट पूरा करने के चक्कर में ठेका कंपनियों पर दबाव बनाकर रात की शिफ्ट में कार्य शुरू करवाए। इसमें ठेका कंपनी ने अपने तीन-चार कर्मचारी साइड पर छोड़ दिए, जो कि सेंटिंग आदि के कार्य कर रहे हैं। डबल शिफ्ट में कार्य लिए जाने के बीच में मुश्किल यह है कि बारिश शुरू हो गई थी और स्टेप टू स्टेप कार्य करना होते हैं। इसमें जल्दबाजी करने से तकनीकी रूप से निर्माण का ठीक नहीं माना जाता है। चल रहे कार्यों में से ब्रिज का निर्माण तो अक्टूबर-नवंबर-2023 तक ही पूरा हो पाएगा।  स्मार्ट सिटी ने बताया टारगेट के तहत ही कार्य करवाए जा रहे हैं। इसमें कुछ काम डबल शिफ्ट में भी हो रहे हैं। इसमें क्वालिटी और प्रोग्रेस का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। महाकाल मंदिर के चारों ओर निर्माण कार्य चल रहे है। इससे आए दिन दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव करना पड़ता है। महाकाल सवारी और अब आने वली नागपंचमी भी काम में अवरोध कर सकती है लेकिन देर रात के दौरे के बाद तो यही लग रहा है की प्रशासन के सामने ये बड़ी चुनौती बन गया है 

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