काम का बोझ या जनप्रतिनिधियों का प्रेशर
निगम में दो मामलों ने अफसरों की भी नींद उड़ा दी। एक अफसर ने चार लाइन का त्याग पत्र दे दिया तो दूसरे मामले में एक ऐसे कर्मचारी को अन्य कर का प्रभार दे दिया, जिसकी नियुक्ति को सरकार ने ही अवैध करार दे रखा है। कर्मचारी को कोर्ट से स्टे मिला हुआ है।
दोनों ही मामले अलग तरह के हैं लेकिन इससे निगम में एक बार फिर अफसरों की कमी का संकट दिख रहा है। महापौर स्वयं इस बात से चिंतित हैं, इस समस्या को लेकर कुछ दिन पहले ही वह सीएम और नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त को बता चुके हैं लेकिन नए अफसरों की नियुक्ति नहीं होने के चलते निगम में अधिकांश विभाग प्रभारी अफसरों के भरोसे हैं। कई में अधिकारी तक नहीं हैं। कुछ समय पहले ही कार्यपालन यंत्री लीलाधर दौराया ने भी इसी तरह इस्तीफा दिया था। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि उद्यान विभाग प्रभारी ने त्याग पत्र क्यों दिया, इस संबंध में कारण सामने नहीं आया।
हम संबंधित अधिकारी से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। कोई समस्या होगी तो समाधान कराएंगे। त्याग पत्र उन्होंने दिया है। अभी मंजूर नहीं हुआ है। नगरी शहरी उपशमन प्रकोष्ठ में सहायक सामुदायिक संगठक के पद पर पदस्थ प्रदीप सेन को राजस्व विभाग के अन्य कर का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें प्रभार देने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 2022 को सभी आयुक्तों को भेजे पत्र में स्पष्ट किया था कि नगर पालिक निगमों द्वारा सामुदायिक संगठकों को सहायक सामुदायिक विकास संगठक के पद पर निगम स्तर पर ही सीधी भर्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण किए बिना नियुक्ति प्रदान कर दी गई है, जिसे निरस्त करना सुनिश्चित करें। इसके विरोध में सहायक संगठक को कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। प्रदीप सेन ने बताया पहले भी मैंने इस पद पर काम किया है। नियुक्ति को लेकर कोर्ट से स्टे मिला हुआ है।
मामला एक- उद्यान प्रभारी का त्याग पत्र, अब फोन भी बंद तीन सालों से उद्यान की जिम्मेदारी संभाल रही प्रभारी सहायक यंत्री विधुरानी कौरव ने मंगलवार दोपहर अपने पद से त्याग पत्र दे दिया। चार लाइन के त्याग पत्र में सिर्फ यह उल्लेख किया कि पारिवारिक स्थिति के कारण मैं अपने पद पर कार्य करने में असमर्थ हूं। अत: मैं अपने पद से त्याग पत्र देना चाहती हूं। जो भी कार्यवाही होगी, वह मुझे स्वीकार होगी। अत: मेरा त्याग पत्र स्वीकार करने का कष्ट करें। त्याग पत्र देने के बाद से ही कौरव का फोन बंद है। निगम के अफसर उनके घर भी गए लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
त्याग पत्र क्यों दिया, इसका कारण सामने नहीं आया उद्यान विभाग प्रभारी ने अपने त्याग पत्र में पारिवारिक कारण बताया है। और कोई कारण हो तो वह सामने नहीं आया है। रही बात, अन्य कर के प्रभारी की तो अभी हमने सिर्फ प्रभार दिया है। कोर्ट से उनके पास स्टे है। इसलिए प्रभार तो दिया ही जा सकता है।