सेक्टर अधिकारी निर्वाचन प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी है -कलेक्टर 225 सेक्टर अधिकारियों का पहला प्रशिक्षण आयोजित
उज्जैन एक अगस्त। सेक्टर अधिकारी निर्वाचन प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी है। चुनाव में
कोई पदक्रम नहीं होता है। जिला निर्वाचन अधिकारी किसी भी अधिकारी को कोई भी महत्वपूर्ण काम
सौंप सकता है, इसलिये सभी को पदक्रम को एक तरफ रखकर निर्वाचन का कार्य करना चाहिये।
प्रत्येक सेक्टर अधिकारी को अधिकतम 12 मतदान केन्द्र अभी से आवंटित कर दिये हैं। उन मतदान
केन्द्रों के प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सभी कार्य करेंगे। सेक्टर अधिकारी को इन मतदान केन्द्रों
की सभी बेसिक जानकारी होना चाहिये। निर्वाचन के दौरान सेक्टर अधिकारी के अधीन 10-12
मतदान केन्द्र के क्षेत्रों में कोई भी घटना न हो व स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सम्पन्न हो, यह
दायित्व सेक्टर अधिकारी का है। कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने यह बात आज विक्रम विश्वविद्यालय
के स्वर्ण जयन्ती हॉल में लगभग 225 सेक्टर अधिकारियों के प्रशिक्षण में कही। प्रशिक्षण के अवसर
पर अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी प्रशिक्षण श्री संदीप सोनी, अपर कलेक्टर एवं उप जिला
निर्वाचन अधिकारी श्री महेन्द्र कुमार कवचे, मास्टर ट्रेनर श्री संदीप नाडकर्णी, श्री विजय सुखवानी
सहित सेक्टर अधिकारी एवं निर्वाचन से जुड़े अन्य अधिकारी मौजूद थे।
प्रशिक्षण के आरम्भ में नोडल अधिकारी श्री संदीप सोनी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि
राज्य निर्वाचन आयोग के समस्त निर्देशों के कंपेंडियम का अध्ययन अभी से सेक्टर अधिकारी कर
लेंगे तो कार्य में सुविधा होगी। चुनाव आयोग के निर्देश अनुसार सेक्टर अधिकारी कम से कम तीन
बार मतदान केन्द्रों का भ्रमण करेंगे। सभी सेक्टर अधिकारियों से प्रशिक्षण स्थल पर मौजूद 20
ईवीएम मशीनों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री
महेंद्र कुमार कवचे, मास्टर ट्रेनर श्री संदीप नाडकर्णी एवं श्री विजय सुखवानी ने प्रशिक्षण में सेक्टर
अधिकारियों के दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया।