उज्जैन में सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए 8 बार घोषणा, लेकिन जमीन ही फाइनल नहीं
मेडिकल कालेज ये नाम सुनकर उज्जैन के लोगो में ख़ुशी छा जाती है क्योंकि उज्जैन के लोगो के सामने स्वास्थ्य को लेकर इंदौर की और रुख करना पड़ता है भाजपा के लोग इस घोषणा को पेश किया गया है की जैसे ये पूरी हो चुकी हो ढोलढमाको के साथ कुछ समय पहले वाहवाही लूटने वालो ने कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन हकीकत ये है की अभी तक इसके लिए जमीन ही नहीं मिल रही है उज्जैन में नेताओ के कार्यकर्ताओ ने जिस तरह से ख़ुशी को लोगो तक पंहुचाया उस तरह की कार्य की स्पीड होती तो उज्जैन में मेडिकल कालेज लोगो को मिल जाता लेकिन जिस प्रकार से ये घोषणा अभी तक अमलीजामा नहीं ले पाई उसे लगता है की अब चुनाव के बाद ही ये उज्जैन के लोगो को मिल पाएगी इसकी कुछ खास बात ये है की कलेकटर साहब की माने तो "इंजीनियरिंग कॉलेज के पास 250 एकड़ जमीन है। इसमें से सिर्फ 25 एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए लेने का प्रस्ताव हमने संभागायुक्त को भेज दिया है। नए प्रावधानों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल से आठ किलोमीटर के भीतर होना चाहिए। इसलिए इतने ही एरिया में जमीन तलाशी जानी थी। इंजीनियरिंग कॉलेज के पास काफी जमीन है। उनके निर्माण भी आसानी से हो सकेंगे।"अब आदरणीय कुमार पुरुषोत्तम जी आपका कहना सही है लेकिन ये होगा कब इसके लिए जनता से हमने बात की तो लोगो का कहना है की उज्जैन में सिंहस्थ के अलावा कोई काम ऐसा नहीं जो सीधे सीधे हो जाये इसके लिए वे यहां के नेताओ को कोसते है.19 मई 2021 को तो उज्जैन के साथ सीहोर के बुधनी में भी मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई लेकिन बुधनी तक हमसे आगे निकल गया। अब एक बार फिर 6 और नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा मुख्यमंत्री कर चुके हैं। हर बार मुद्दा सिर्फ चर्चा का विषय बनता है। लोकल राजनेताओं के सोशल मीडिया पेज ही तलाशेंगे तो कम से आठ बार जल्द ही मेडिकल कॉलेज मंजूर हो चुका है। लोगो की माने तो उनका कहना है की पूरी कहानी राजनीतिक है। उत्तर और दक्षिण की स्पर्धा। संसद से विधानसभा की लड़ाई। यह कहानी बताती है- कैसे राजनीतिक लड़ाई से किसी शहर का विकास प्रभावित होता है। 58 साल का इंतजार लेकिन जमीन ही फाइनल नहीं। अब भी भूमिपूजन तो हाेगा लेकिन यदि मास्टर प्लान और तकनीकी शिक्षा विभाग से सहमति नहीं बन पाई तो यह सिर्फ भूमिपूजन तक ही सीमित रह जाएगा। कुछ दिन पहले ही उज्जैन में मास्टर प्लान की जमीन का विवाद थमा है . कांग्रेस ने भाजपा की अंतरकलह को उज्जैन के विकास में अवरोध बताया है उन्होंने कहा की भाजपा की करनी कथनी में अंतर है इसलिए अभी तक घोषणा होने के बादजूद बी अमल में नहीं आई