कागजी जटिलता में उलझी मामा की लाड़ली बहना
उज्जैन में लाड़ली बहना की प्रोसेस में इतनी जटिलता है की कई महिलाओ ने जब दुबारा फार्म भरना चाहा तो वे पिछड़ गई क्योंकि दूसरे बार में या तो आपके पास ट्रेक्टर हो या फिर 30 से कम उम्र हो अब ऐसे में जिनकी उम्र ज्यादा है उन्हें फार्म भरने वाले केंद्र से मना कर दिया गया है अब ऐसे में उन महिलाओ के साथ समस्या हो गई है जो पात्र तो है पर वे समझ नहीं पा रही है उन्हें कैसे पैसे मिले दस्तक न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में जब पता करना चाहा तो आफिस में कामकाजी महिलाये जिनकी आय कम है लेकिन वे अब भी लाड़ली बहना के फ़ार्म भरने में नाकाम रही है वे कहती है की उन्हें पता नहीं चल पा रहा है की समस्या कहा आरही है रोज रोज आफिसों से छूटी लेकर वे अपनी समस्या के लिए जाती है कभी बैंक तो कभी एम् पी ऑनलाइन लेकिन उनका निराकरण नहीं हो रहा है पैसा कहा रुक रहा है या फिर वे पात्र नहीं है या है इसके लिए कहीं कोई जवाबदार व्यक्ति नहीं है जिसे उनका निराकरण हो अब ऐसे में इन महिलाओ की संख्या अधिक है लेकिन वे लाड़ली बहना नहीं बन पा रही है शासन प्रशासन कही कोई उनकी सुनवाई नहीं है ऐसे में वे खुद ही थक हारकर मामा की बहना नहीं चाहती है उनकी गुहार है की उनकी जटिलता जल्द ख़त्म होना चाहिए