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ग्राम-सभाओं के सशक्तिकरण के प्रभावी प्रयास किए जाएं- श्री पटेल राज्यपाल ने की 4 विभागों की समीक्षा


उज्जैन 21 जुलाई। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि पेसा नियम में ग्राम-सभाओं के
सशक्तिकरण के प्रभावी प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि ग्राम-सभा को पेसा नियम में बहुत अधिक
अधिकार प्राप्त हो गए हैं। आवश्यकता है कि विभाग ग्राम-सभाओं को उनके अधिकारों के उपयोग के

मुख्यमंत्री श्री चौहान के उद्बोधन के प्रमुख बिंदु
 शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर से बेहतर करना मेरा टारगेट
 9.50 करोड़ का विराट परिवार है अपना मध्य प्रदेश
 माता-पिता की तरह मुझे भी है विद्यार्थियों के केरियर की चिंता
 मन लगाकर पढ़ाई करो, मामा हर आवश्यक सुविधा देगा
 विद्यार्थी मध्य प्रदेश की पूंजी, उनसे ही प्रदेश का भविष्य
 विद्यार्थी स्वयं को आत्मविश्वास से भर लें, वे सब कुछ कर सकते हैं
 युवाओं के लिए नौकरियां, स्व-रोजगार और प्रशिक्षण के साथ
कमाई का अवसर
 विद्यार्थियों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए बनाएंगे पोर्टल

लिए प्रेरित करें। जनजातीय समुदाय को प्राप्त अधिकारों के उपयोग के लिए सक्षम बनाने के प्रभावी
प्रयास किए जाने चाहिए। शिविर लगाकर जन-जागरण के प्रयास किए जाने पर विचार किया जाना
चाहिए। जनजातीय समुदाय को पेसा नियम के तहत मिले सामुदायिक अधिकारों का उपयोग कर
विवादों के समाधान प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल गुरूवार को
राजभवन में गृह, जेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं किसान-कल्याण तथा कृषि विकास की समीक्षा कर
रहे थे। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव भी उपस्थित थे।

देश में कृषि अधो-संरचना मद के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रथम
राज्यपाल श्री पटेल को मंत्री किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने
बताया कि कृषि अधो-संरचना मद के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में
4 हजार 5 सौ करोड़ रुपए से अधिक राशि का वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश, देश का
पहला राज्य है, जहाँ वन-ग्रामों का कृषि बीमा किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से 916
ग्रामों को जोड़ कर एक लाख 36 हज़ार 868 किसानों की फसलों का बीमा कर 67 हज़ार 478
किसानों को 44 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि दलहन, तिलहन
उत्पादों के समर्थन मूल्य पर खरीदी व्यवस्था में भी प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य है। बताया गया कि
प्रदेश में कृषि कार्य योजना बनाकर एकल फसल प्रणाली के स्थान पर फसल विविधीकरण को बढ़ावा
देकर कृषकों की आय में वृद्धि के कार्य किए जा रहे हैं। टिकाऊ फसलों के उत्पादन को अपनाने के
लिए किसानों को प्रेरित करने के साथ ही हितधारको की क्षमता विकास के प्रयास भी किए जा रहे है।
कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीक के प्रसार और विभिन्न विभागों के साथ कर्न्वजेंस तथा समन्वय के
द्वारा संसाधनों के समुचित उपयोग की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश, देश का पहला
राज्य है, जिसने सभी प्रमुख फसलों के उपज अनुमान के लिए सेटेलाईट आधारित रिमोट सेसिंग
तकनीक का प्रयोग किया गया है। प्रदेश कृषि यंत्रीकरण में देश के औसत से आगे निकल गया है।
कृषि कार्य में ड्रोन के उपयोग के लिए भोपाल एवं इंदौर में पायलेट ट्रेनिंग के पाठ्यक्रम संचालित
किये गए है। प्रदेश में मिलेट प्रोत्साहन फेडरेशन का गठन किया जा रहा है ताकि मिलेट उत्पादकों को
फसल का बेहतर मूल्य मिलें। विशिष्ट मिलेट उत्पादों के जी आई टैग के लिए भी प्रयास कर रहे है।
जैविक कपास के बॉय बैक के लिए प्रदेश में शुरूआती दौर में ही 1500 किसानों का उद्योग के साथ
सीधा अनुबंध कराया गया है।

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