श्रावण की पहली सवारी में महाकाल के मनमहेश रूप ने मोहा मन
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। भगवान महाकाल मनमहेश रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले।
राजा के दिव्य स्वरूप के दर्शन को देशभर से पांच लाख से अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। सवारी मार्ग पर आस्था का सैलाब नजर आ रहा था। महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी शिप्रा तट के लिए रवाना हुई।
इससे पूर्व मंदिर के सभा मंडप में पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में भगवान महाकाल के मनमहेश मुखारविंद का पूजन किया गया। पश्चात मंदिर की परंपरा अनुसार कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने पूजा अर्चना की। उच्च शिक्षा मंत्री डा.मोहन यादव, महापौर मुकेश टटवाल, विधायक पारस जैन मौजूद थे।
पूजा अर्चना के उपरांत जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज को सलामी दी, इसके बाद कारवां नगर भ्रमण के लिए रवाना हुआ। कोटमोहल्ला, गुदरीचौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची।