मध्यप्रदेश के जंगलों की सुरक्षा में तैनात 50 प्रतिशत अमले के पास हथियार ही नहीं हैं
भोपाल- मध्य प्रदेश के जंगलों की सुरक्षा की स्थिति यह हैं कि, मध्य प्रदेश के जंगलों की सुरक्षा सीमित बंदूकों के सहारे हो रही है। स्थिति यह है कि जंगल की सुरक्षा में तैनात 50 प्रतिशत अमले के पास हथियार ही नहीं है। वर्तमान में वन विभाग के पास 12 बोर की 3170 बंदूकें और 286 रिवाल्वर हैं, लेकिन इन्हें चलाने लिए कारतूसों की भी कमी है। कारतूस न होने से बंदूकें चलाने का अभ्यास भी नहीं हो रहा है। जबकि, जो हथियार हैं, उन्हें चलाने के लिए भी गृह विभाग की मदद से वन विभाग ने एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर) जारी कर रखी है। बता दें कि बुरहानपुर जिले की वन चौकी से 17 बंदूकें लूटे जाने के बाद वन विभाग ने बंदूक चलाने और रखरखाव की जो एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर) मानक संचालन प्रक्रिया अप्रैल 2023 में जारी की थी, उसके अनुसार ही हथियार प्रबंधन एवं चालान की अभी व्यवस्था की जा रही है। दरअसल, वन अमले को पिछले चार वर्षों से नई बंदूकें व कारतूस नहीं मिले हैं। विभाग भारत सरकार को प्रस्ताव बनाकर कैंपा फंड से बंदूकें और कारतूस के लिए हर वर्ष बजट मांग रहा है, लेकिन इसके लिए फंड ही नहीं दिया जा रहा है।