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बगैर प्लानिंग तोड़ दिए मकान, मलबा ले जाने वाले डंपर की जगह ही नहीं बची


केडी गेट से इमली तिराहा के चौड़ीकरण को लेकर नगर सरकार कठघरे में घिरती नजर आ रही है। मानसून से पहले शुरू किए चौड़ीकरण में पक्षपात के आरोप भी लगना शुरू हो गए हैं। सोमवार को चौड़ीकरण के विरोध में एक बार फिर रहवासियों ने हंगामा कर दिया। आरोप था कि ओसवाल धर्मशाला सहित कई मकानों को निगम की टीम ने छोड़ दिया, जबकि मकान तोड़ने की कार्रवाई समानता के आधार पर होना चाहिए।

हंगामा बढ़ा तो भाजपा नेता विशाल राजोरिया, एमआईसी सदस्य रजत मेहता पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की। दो घंटे चले समझाइश के दौर के बाद तय हुआ कि मंगलवार शाम 5 बजे तक नया निर्माण नहीं तोड़ा जाएगा। पुराना मलबा हटाया जाएगा और जो रहवासी खुद अपना हिस्सा हटाते हैं, उन्हें समय दिया जाएगा। इधर, निगम टीम ने पौने दो किलोमीटर के क्षेत्र में मकान तोड़ दिए, जिससे सड़क पर मलबा ही मलबा हो गया। मलबा उठाने के लिए डंपर अंदर ही नहीं आ पा रहे हैं। कीचड़ ही कीचड़ हो गया। कांग्रेस पार्षद सपना सांखला ने आरोप लगाया कि पूरी कार्रवाई में पक्षपात किया जा रहा है। जैसे ओसवाल धर्मशाला को छोड़ दिया गया। वहीं जो लोग खुद मकान तोड़ रहे थे, उनके मकान को जेसीबी से ढहा दिया गया।

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