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अधिकमास की पूर्णिमा पर ऐसे होगा घर में मॉं लक्ष्‍मी का आगमन



मलमास के इस अक्टूबर माह में एक तारीख को आश्विन पूर्णिमा (Ashwin Purnima) पड़ने जा रही है। हिंदू धर्म की मान्याताओं के अनुसार चंद्रमा की पंद्रहवी कला को पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा वह पावन तिथि माना जाता है जिसमें चंद्रमा अपनी पूर्ण आकृति में होता है।

यह तिथि भगवान विष्णु (God Vishnu) के साथ माता लक्ष्मी (Maa Laxmi) का भी है जिससे ये अत्यंत शुभ होती है। इस दिन जहां भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा कही और सुनी जाती है, वहीं माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है।

इस मंत्र का करें जाप
पूर्णिमा के चंद्रदर्शन से धन की कभी पूरी होती है। इसके लिए चंद्रदेव को दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर अर्ध्य दें। इसके पश्चात् चंद्रदेव के मंत्र 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः' अथवा 'ॐ सों सोमाय नमः' का जप करें। यदि आपके दांपत्य जीवन में शुख की कमी है तो आप पूर्णिमा की शाम को चंद्रदर्शन करें और पति-पत्नी दोनों एक साथ चंद्रमा को गाय के दूध का अर्ध्य दें।

ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा
माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दिन 11 पीली कौड़ी को लेकर लक्ष्मी जी को चढ़ाएं और हल्दी से पूजन करें। इसके पश्चात दूसरे दिन सभी 11 कौड़ियों का एक लाल कपड़े में बांधकर अपने धन रखने वाले स्थान पर रखें। इस उपाय से पैसों की किल्लत दूर होगी और घर में सदैव माता लक्ष्मी का वास बना रहेगा।

पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर माता लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में इस पावन तिथि पर पीपल के वृक्ष की जड़ों में मीठा जल डालने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने साधक पर पूरी कृपा बरसाती है।

भूलकर भी न करें ये काम
पूर्णिमा के दिन अपने पूरे घर की सफाई रखें, गंदगी से लक्ष्मी नाराज होती हैं।
पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन न करें
पूर्णिमा के दिन घर में किसी भी प्रकार की लड़ाई-झगड़ा न करें।
इस दिन किसी बुजुर्ग या स्त्री का अपमान न करें।

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