वसंत पंचमी पर बन रहा सुखमय दांपत्य का सर्वार्थसिद्धि योग
उज्जैन। वसंत पंचमी पर 14 साल बाद सुखमय दांपत्य जीवन का सर्वार्थसिद्धि योग आ रहा है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त में साढ़े आठ रेखा के श्रेष्ठ लग्न हैं। गोधूलि बेला व मध्यरात्रि में पूजा के लग्न भी शुभ बताए जा रहे हैं। ऐसे में सुबह से रात्रि तक विवाह होंगे। गृह प्रवेश, गृह आरंभ, नवीन प्रतिष्ठान के शुभारंभ, सोने चांदी की खरीदी के लिए भी दिन श्रेष्ठ है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार नक्षत्र मेखला की गणना से माघ मास के शुक्ल पक्ष की वसंत पंचमी 30 जनवरी को गुरुवार के दिन उत्तरा भाद्रपद उपरांत रेवती नक्षत्र की साक्षी में आ रही है। साथ ही सिद्ध योग व मीन राशि के चंद्रमा की साक्षी भी रहेगी। गुरुवार के दिन रेवती नक्षत्र होने से सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होगा।
रेवती को पंचक का पांचवां नक्षत्र कहा जाता है। यह नक्षत्र अगर शुक्ल पक्षीय होकर शुभ पर्वकाल से युक्त हो, तो इसका पांच गुना शुभफल प्राप्त होता है। पंचागीय गणना की यह श्रेष्ठ स्थिति वसंत पचंमी पर किए गए मांगलिक कार्यों का कई गुना श्रेष्ठ फल प्रदान करेगी।
सुखद दांपत्य जीवन के लिए इस दिन विवाह करना श्रेष्ठ है। गृह प्रवेश, गृह आरंभ, नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ, औद्योगिक इकाई की स्थापना, सोने चांदी की खरीदी, निवेश आदि के लिए भी यह दिन अतिशुभ है।
राजा के आंगन में झूमेगा वसंत
विश्व ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में वसंत पंचमी पर वसंत उत्सव मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भस्मारती में भगवान का वासंती पुष्पों से शृंगार कर वसंत अर्पित किया जाएगा। इस दिन से भगवान को गुलाल अर्पित करने की शुरुआत होगी। होली तक प्रतिदिन विभिन्न् आरती में भगवान को गुलाल चढ़ाई जाएगी।
40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी
पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में वसंत पंचमी से 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी। प्रतिदिन राजभोग आरती में मुखियाजी ठाकुरजी को अबील गुलाल से होली खिलाएंगे। महाप्रभुजी की बैठक के ट्रस्टी विजय गुप्ता ने बताया वैष्णव संप्रदाय में फाग उत्सव का विशेष महत्व है। वैष्णवजन भी ठाकुरजी के रंग में रंगे नजर आते हैं।