श्री हाटकेश्वर को लगाया छप्पन भोग
उज्जैन। नागर ब्राह्मण समाज द्वारा श्री हाटकेश्वर धाम हरसिध्दि पाल पर अष्ठम अन्नकूट महोत्सव का आयोजन डिस्पोजल मुक्त अभियान की शुरूआत से प्रारंभ किया गया। सर्वप्रथम प्रातः भगवान श्री हाटकेश का अभिषेक पूजन पं. सतीश नागर के आचार्यत्व में हुआ तत्पश्चात रांगोली एवं फूलों से पूरे परिसर को सुसज्जित कर श्रृंगार किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि के रूप में उपस्थित राजेन्द्र नागर अध्यक्ष म.प्र. नागर परिषद शाजापुर, हिमांशु पौराणिक अध्यक्ष इंदौर शाखा, संजय नागर अध्यक्ष म.प्र. नागर युवा परिषद शाजापुर, आशीष त्रिवेदी पूर्व अध्यक्ष शिवांजलि पारमार्थिक न्यास इंदौर, हेमंत त्रिवेदी अध्यक्ष म.प्र. नागर परिषद उज्जैन शाखा, डाॅ. नरेन्द्र नागर उपाध्यक्ष हाटकेश्वर धाम, केदारनारायण समाजसेवी इंदौर द्वारा दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण कर किया गया। गणेश, सरस्वती वंदना सुमित्रा नागर द्वारा प्रस्तुत की गई। स्वागत भाषण अन्नकूट महोत्सव समिति के संयोजक संजय नागर द्वारा दिया गया। अतिथियों का स्वागत श्री हाटकेश्वर धाम एवं श्री हाटकेश्वर धाम मित्र मंडली द्वारा भगवान री हाटकेश के दुपट्टे एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। वरिष्ठ समाजसेवी विकास रावल द्वारा 56 भोग अर्पण कर श्री हाटकेश्वर धाम कर्मचारियों, सभी सक्रिय कार्यकर्ताओं का सम्मान श्री हाटकेश्वर धाम न्यास एवं अतिथिगण द्वारा किया गया। अन्नकूट महोत्सव की जानकारी के साथ गत वर्ष के आय व्यय की जानकारी अमित नागर ने दी। श्री हाटकेश्वर धाम की भावी योजना एवं गतिविधियों की संपूर्ण जानकारी न्यास सचिव संतोष जोशी ने प्रदान की। पर्यावरण को शुध्द रखने एवं सिंगल यूज डिस्पोजल प्लास्टिक मेन डिस्पोजल मुक्त अभियान में सहभागिता करते हुए श्री हाटकेश्वर धाम ने अपने कार्यक्रम से शुरूआत की तथा प्लास्टिक डिस्पोजल का उपयोग बंद कर कार्यक्रम किया। इस संदर्भ में उज्जैन नपा की टीम भी आई तथा अपने स्लोगनों के साथ समाजजनों को शपथ भी दिलवाई गई। अतिथि उद्बोधन पश्चा आभार डाॅ. कविता मेहता ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित समाजजनों ने समाज के दिवंगत आत्माओं एवं देश के रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर जवानों को 2 मिनिट का मौन रखकर श्रृध्दांजलि अर्पित की। पश्चात महाआरती एवं महाप्रसादी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उज्जैन के अलावा आसपास के शहरों इंदौर, देवास, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, भोपाल, राउ, खजराना, धार, पिपलौदी, डलची, माकड़ोन, तराना, करंजनारिया, मड़ावदा आदि से समाजजनों ने हिस्सा लिया। संचालन ललित नागर ने किया।