ज्योतिर्विदों ने बताया कैंसर, डायबिटिज का ज्योतिषिय निराकरण
उज्जैन। अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन में शनिवार ज्योतिर्विद विद्वानों ने पंचांग में फैली दुविधा एवं भ्रांतियां, सूर्य सिध्दांत एवं अन्य ग्रहों के अंतर और गणना पर व्याख्यान दिया। दोपहर में निःशुल्क ज्योतिष परामर्श आम जन को दिया साथ ही तीसरे सत्र में कैंसर एवं डायबिटिज औषधि चिकित्सा एवं ज्योतिषिय निराकरण विषय पर संबोधित किया।
आयोजक दिनेश गुरूजी एवं महासम्मेलन अध्यक्ष आनंद शर्मा भाया ने बताया कि मां शारदा ज्योतिषधाम अनुसंधान संस्थानम् द्वारा आयोजित इस महासम्मेलन में प्रथम सत्र में डाॅ. एसएस रावत दिल्ली, आचार्य अनिल वत्स दिल्ली, योगेन्द्र महंत इंदौर, अजय शर्मा मोंगा, आचार्य जगदीश तिवारी जयपुर, डाॅ. आचार्य पदम उपाध्याय, आनंद भाया, डाॅ. अशोक भटनागर ग्वालियर, नितीन गोटी मुंबई, जयेश भाई दुबे अहमदाबाद, डाॅ. कीर्ति पंजाब, स्वामी ध्यान रहस्य दिल्ली, पं. महेश पुजारी ने संबोधित किया। वहीं दूसरे सत्र में डाॅ. कौशलकिशोर पांडे, डाॅ. विनायक पांडे, डाॅ. राजेश कुमार नामदेव, नवीन बरोठ सुप्रीटेंडेंट अहमदाबाद, डाॅ. दिवाकरण कोच्ची, भाविन देसाई, डाॅ. सतपाल भारद्वाज जम्मू, डाॅ. नितीन डांडेकर मुंबई, भोलानाथ द्विवेदी जालंधर, विजयकुमार शर्मा गुरूदासपुर, रामकृष्ण शर्मा, स्वामी ध्यान रहस्य ने संबोधित किया। इस अवसर पर महासम्मेलन संयोजक पं. निर्मल गुरू, पं. दिलरेश व्यास, सम्मेलन प्रभारी पं. गौरव तिवारी राजपुरोहित, महासम्मेलन सहसंयोजक पं. शैलेन्द्र व्यास, डाॅ. जेसी सोनी, महासचिव मितेश मालवीय, मयंक जोशी, श्रीराम शर्मा, मितेश मालवीय आदि मौजूद रहे। महासम्मेलन संयोजक पं. योगेन्द्र महंत, महासम्मेलन अध्यक्ष संगीता शर्मा के अनुसार चैथे सत्र में देश विदेश से आए ज्योतिर्विदों को बिलेनियम अवार्ड प्रदान किये गए साथ ही भजन संध्या का आयोजन हुआ। आज 3 नवंबर रविवार को सुबह 9 बजे से पंजीयन प्रारंभ होंगे तथा सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक वास्तु शास्त्र का मानव जीवन पर प्रभाव पर पंचम सत्र का आयोजन होगा। षष्ठम सत्र अंक शास्त्र पर तथा सप्तम सत्र दोपहर 1 से 2 बजे तक वैवाहिक जीव व हस्तरेखा विषय पर होगा। दोपहर में 2 से 3 बजे तक जनता के लिए निःशुल्क मार्गदर्शन, टेरो कार्ड एवं यंत्र, मंत्र का मानव जीवन पर प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा शाम 4 बजे से समापन समारोह में विद्वानों का सम्मान किया जाएगा।