प्रारंभ हुआ 22वां अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन
देश विदेश से आए ज्योतिर्विद विद्वान-विधिवत पूजन कर ज्योतिष पर हुआ व्याख्यान
उज्जैन। 22वें अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन का शुभारंभ शुक्रवार को विधिवत पूजन अर्चन के साथ दीप प्रज्जवलन कर किया गया। मां शारदा ज्योतिषधाम अनुसंधान संस्थानम् द्वारा आयोजित इस महासम्मेलन में शामिल होने हेतु देश विदेश से ज्योतिर्विद विद्वान उज्जैन पहुंचे, प्रथम दिन ज्योतिर्विदों ने ज्योतिष पर व्याख्यान दिया।
आयोजक दिनेश गुरूजी एवं महासम्मेलन अध्यक्ष आनंद शर्मा भाया ने बताया कि फाजलपुरा पुलिस लाईन के सामने स्थित होटल अविका में प्रारंभ हुए इस महासम्मेलन का शुभारंभ डॉ अरुण बंसल दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में हुआ। प्रथम दिन ओलगा कपिलो रसिया, आर डी विश्वारी मॉरीशस, डॉ पदम उपाध्याय दिल्ली, नितिन गोटी मुम्बई, नवीन बारोट अहमदाबाद, रूपेश चतुर्वेदी मुम्बई, अद्वेतानन्द कोलकता, अधयुतानंद कोलकाता, सतपाल भारद्वाज जम्मू, भोलानाथ द्विवेदी जालंधर, मोना सिंह, राजेश बांठिया अहमदाबाद आदि सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर महासम्मेलन संयोजक पं. निर्मल गुरू, पं. दिलरेश व्यास, सम्मेलन प्रभारी पं. गौरव तिवारी राजपुरोहित, महासम्मेलन सहसंयोजक पं. शैलेन्द्र व्यास, डाॅ. जेसी सोनी, महासचिव मितेश मालवीय, मयंक जोशी, श्रीराम शर्मा, मितेश मालवीय आदि मौजूद रहे। महासम्मेलन संयोजक पं. योगेन्द्र महंत, महासम्मेलन अध्यक्ष संगीता शर्मा के अनुसार आज शनिवार सुबह 9 बजे से पंजीयन प्रारंभ होगे तथा दूसरा सत्र 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पंचांग में फैली दुविधा एवं भ्रांतियां, सूर्य सिध्दांत एवं अन्य ग्रहों के अंतर और गणना पर होगा। दोपहर 2 से 3 बजे तक आम जन के लिए निःशुल्क ज्योतिष परामर्श की व्यवस्था रहेंगी। वहीं दोपहर 3 से 5 बजे तक कैंसर एवं डायबिटिज औषधि चिकित्सा एवं ज्योतिषिय निराकरण विषय पर तृतीय सत्र होगा। चैथे सत्र में शाम 7 से रात्रि 10 बजे तक बिलेनियम अवार्ड प्रदान किये जाएंगे साथ ही भजन संध्या का आयोजन होगा। 3 नवंबर रविवार को सुबह 9 बजे से पंजीयन प्रारंभ होंगे तथा सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक वास्तु शास्त्र का मानव जीवन पर प्रभाव पर पंचम सत्र का आयोजन होगा। षष्ठम सत्र अंक शास्त्र पर तथा सप्तम सत्र दोपहर 1 से 2 बजे तक वैवाहिक जीव व हस्तरेखा विषय पर होगा। दोपहर में 2 से 3 बजे तक जनता के लिए निःशुल्क मार्गदर्शन, टेरो कार्ड एवं यंत्र, मंत्र का मानव जीवन पर प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा शाम 4 बजे से समापन समारोह में विद्वानों का सम्मान किया जाएगा।