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श्री महावीर तपोभूमि पर निर्वाण महामहोत्सव में 1000 दीपक लगाकर किए लड्डू समर्पित


उज्जैन।। श्री महावीर तपोभूमि में  महावीर भगवान का निर्माण उत्सव पर श्री महावीर तपोभूमि में सुबह 5:00 बजे से ही धूमधाम प्रारंभ हो गई तथा 1000 दीपक लगाकर भगवान श्री महावीर स्वामी को मोक्ष कल्याणक के अवसर पर निर्वाण लाडू समर्पित किया जाए

तपोभूमि प्रणेता मुनि श्री मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज कहते हैं कि अप्प दीपो भवः अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनो निर्वाण यानी मानवीय विकास रूपी अभ्युदय से निःश्रेयस रूपी ज्योतिर्मय दीप का शाश्वत प्रज्वलन, यही है हमारे शासन नायक महावीरप्रभु का दीपोत्सव महापर्व महा अवसर है हमारे प्रिय मोदक को वीरप्रभु के श्रीचरणों में समर्पित कर अपने परम लक्ष्य शाश्वत अंनत आनंद प्रदायक निर्वाण लाड़ू के बीजारोपण का अतः आवें और अपना भक्तिलाड़ू समर्पित करने का अवसर पावें 

तपोभूमि के  सह सचिव डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि शुभमंगल क्षणिकाएँ कार्तिक कृष्ण अमावस दीपावली सोमवार को श्री महावीर स्वामी भगवान के समक्ष पूर्व क्रियाएं प्रातः ५:००से भगवान श्री महावीर निर्वाण महोत्सव(लाडू समर्पण)प्रातः ६:४०

महा आरती प्रातः६:५० की एवं 1000 दीपक लगाए गए श्री 1008 महावीर भगवान के मोक्ष कल्याण पर निर्माण लाडू चढ़ाने का सोभाग्य दिनेश लविश रमेश सुपर फार्मा परिवार व भगवान की शांतिधारा करने का सोभाग्य विमलचंद पुष्पराज जैन को श्री 1008 नेमिनाथ पार्श्वनाथ की शांतिधारा करने का सुशील गोधा रोहन जैन ट्रांसपोर्ट वाले पलाश लुहाड़िया व  श्री 1008 मुनीसुव्रत नाथ भगवान की शांतिधारा करने का सोभाग्य सचिन विनीता कासलीवाल को प्राप्त हुआ श्री महावीर तपोभूमि के ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला अध्यक्ष कमल मोदी सचिव दिनेश जैन सुपर फार्मा कोषाध्यक्ष इंदर मल जैन उपाध्यक्ष विमल जैन धर्मचंद पाटनी कोषाध्यक्ष अतुल सोगानी राजेंद्र लुहाडिया सुनील जैन ट्रांसपोर्ट संजय जैन विकास सेठी सुशील गोधा दीपक जैन सुधीर चांदवड आदि संपूर्ण ट्रस्ट एवं प्रज्ञा कला मंच प्रज्ञा पुष्पा मंच वह प्रज्ञा बाल मंच के साथ अनेक लोग उपस्थित थे शाम को श्री महावीर भगवान की विशेष आरती की गई

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भाई दूज पर कार्तिकेय महाराज की रक्षा उनकी पूर्व जन्म बहन कृतिका आने की :-मुनि श्री मार्दव सागर जी महाराज

 

उज्जैन।। भाई दूज के शुभ अवसर पर पांचवें दिन मुनि श्री कार्तिकेय की कथा का वाचन किया गया जिसमें उनके पूर्व जन्म की बहन कृतिका ने देवी बनकर मयूर का रूप धारण कर मुनि श्री पर आए उपसर्ग से उनकी रक्षा की थी इसीलिए इसे भाई दूज का नाम दिया गया है कार्तिकेय मुनि के नाम से दक्षिण में कार्तिकेय ग्राम आज भी है कार्ति तीर्थ आज भी है

 

मुनि श्री ने महावीर भगवान के निर्वाण उत्सव महोत्सव पर कहा कि सांसारिक जीवो का मरण होता है मुनि और त्यागी ओं की समाधि होती है और तीर्थंकर भगवान का निर्वाण होता है हम संसारी जीव जीवन मरण के चक्कर में ही उलझे रहते हैं मरण कैसे सुधारा जाए इसकी किसी को जानकारी नहीं है परिग्रह वृत्ति इतनी बढ़ गई है की आपस में मां बाप भाई बहन किसी का कोई लिहाज नहीं रखते हैं और मुनिश्री ने कहा कि फटाके छोड़ना धन का तो अप व्यय  (नुकसान)  से ही अपितु छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े जीव जंतु भी अनजाने में मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं साथ ही पर्यावरण का भी नुकसान होता है जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है हमें जहां तक हो सके अपने बच्चों को पटाखे नहीं जलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए प्रवचन पश्चात सभी धर्मावलंबियों ने श्री महावीर भगवान को निर्वाण उत्सव पर निर्वाण लाडू चढ़ा कर मंदिर की 3 शिखर पर धर्म ध्वजा भी चढ़ाई गई दीपावली की  प्रातः की बेला में  मुनि श्री ने  चतुर्मास निष्ठा पन का कार्य  किया संपूर्ण जानकारी डॉ सचिन कासलीवाल ने दी

 

कार्यक्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष इंदर चंद जैन हीरालाल बिलाला तेज कुमार विनायका दिलीप विनायका विराग भक्ति महिला मंडल महेंद्र लुहाडिया  आदि कई जन उपस्थित थे

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