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देववाणी संस्कृत में वेदोपनिषदों में शिक्षा के दो प्रकार बताए गए हैं।


दस्तक न्यूज़ उज्जैन। देववाणी संस्कृत में वेदोपनिषदों में शिक्षा के दो प्रकार बताए गए हैं। वह अपरा और परा विद्या है। अपरा लौकिक विद्या है जो विद्यालयों व गुरुकुलो में पढ़ाई जाती है। परा अज्ञानता को मिटाने वाली आध्यात्मिक विद्या है जो अलौकिक है। यह बात कवि आनंद ने संस्था कवितायन के संस्कृत संस्कृति स्वाध्याय व संस्कृत हिंदी कविता संगोष्ठी में कही। शुभारंभ रामनरेशाचार्य महाराज ने किया। कविता संगोष्ठी में डॉ. अखिलेश चौरे, अक्षय कुमार चौरे, डॉ.पीडी शर्मा, डॉ. दीपक गुप्ता, रामदास पांडे, रामप्रकाश गुप्ता ने काव्यपाठ किया।

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