प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च स्तर पर ले जाया जाये
श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षक एवं प्राचार्यों का सम्मान होगा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने संभागीय समीक्षा बैठक
उज्जैन | प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी ने आज संभागीय समीक्षा बैठक ली तथा निर्देशित किया कि शिक्षा प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च स्तर पर ले जाया जाये। इस हेतु शिक्षकों एवं प्रशासकों तथा जनप्रतिनिधियों को समन्वित प्रयास करना होंगे। इस कार्य में किसी तरह की राजनीति आड़े नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पांचवी एवं आठवी कक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये बोर्ड के समान परीक्षा आयोजित की जायेगी। मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में अच्छी गुणवत्ता से कार्य करते हुए अनेक स्कूलों द्वारा सौ प्रतिशत रिजल्ट लाया गया है। ऐसे स्कूलों के प्राचार्यों को प्रेरित करने के लिये हाल ही में उन्हें दक्षिणी कोरिया की शिक्षा व्यवस्था देखने के लिये भ्रमण पर भेजा गया था। प्रभारी मंत्री ने सरकारी स्कूलों में पालक-शिक्षकों की बैठक निरन्तर करने के निर्देश देते हुए कहा है कि जिन स्कूलों में लगातार रिजल्ट खराब आ रहा है, उनको चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जाये। बैठक में विधायक श्री मनोज चौधरी, श्री पारस जैन, डॉ.राजेन्द्र पाण्डेय, डॉ.मोहन यादव, पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र भारती, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत, संभागायुक्त श्री अजीत कुमार, संचालक शिक्षा सुश्री आयरीन सिंथिया, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, श्री वीरेन्द्रसिंह रावत, श्री संजय कुमार, विभिन्न जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश में फरवरी माह में एक लाख 20 हजार स्कूलों में पालक-शिक्षक बैठक आयोजित की गई है। इस तरह हर तीन माह में प्रत्येक स्कूल में एक पालक-शिक्षक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि 8वी और 10वी के शिक्षकों की दो बार परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। इनमें लगातार फेल होने वाले शिक्षकों के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी, इस पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बैठक में मौजूद विधायकों से भी इस सम्बन्ध में सुझाव आमंत्रित किये। प्रभारी मंत्री ने स्कूलों के शिक्षकों के युक्तियुक्त करने, शिक्षकविहीन शालाओं एवं एक शिक्षकीय शालाओं का चिन्हांकन कर शिक्षकों की कमी दूर करने के निर्देश दिये हैं।
विधायकों से एक-एक स्कूल गोद लेने का आव्हान किया
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बैठक में मौजूद विधायकों से आव्हान किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में एक-एक स्कूल गोद लेकर उन स्कूलों का उन्नयन करने के लिये विधायक निधि से राशि स्वीकृत कर स्कूलों को उन्नत करें। उन्होंने ग्वालियर के मुरार क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल का जिक्र करते हुए बताया कि विधायक की पहल से उक्त स्कूल में न केवल संससाधन स्वीकृत किये गये हैं, बल्कि शिक्षक भी वहां पर पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं। इससे कई निजी स्कूल के बच्चे उक्त स्कूल में एडमिशन ले रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 35 हजार शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले पूर्ण पारदर्शिता के साथ किये हैं। यही नहीं 16 हजार पति-पत्नी जो अलग-अलग स्थानों पर नौकरी कर रहे थे, उनको एक स्थान पर लाया गया है।
प्रमुख सचिव शिक्षा श्रीमती रश्मि शमी ने बताया कि संभाग में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिये निरन्तर प्रयास जारी हैं। इसके लिये सभी कलेक्टर्स, जिला शिक्षा अधिकारी एवं सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देशित कर दिया गया है। अधूरे पड़े स्कूल भवन निर्माण पूर्ण कराने पर भी जोर दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव ने बताया कि आज ही उन्होंने सुबह 9 बजे से सभी अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा ली है। बैठक में बताया गया कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक जिला स्तर पर अभिनव प्रयास करते हुए बालिकाओं को अर्द्धसैन्य बलों एवं पुलिस में भर्ती होने के लिये विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इसके लिये प्रत्येक जिले में 50-50 बालिकाओं का चयन किया गया है। बैठक में श्री बंशीलाल राठौर, श्री संजय ठाकुर, श्री साहिल देहलवी, श्री सैय्यद मकसूद अली, श्री आजम खान, श्री देवेन्द्र पाटनी, श्री शाहिद खान मंसूरी सहित विभिन्न अधिकारीगण मौजूद थे।