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माही के हृदय का उपचार करते हुए उसे कुपोषण से मुक्त करवाया गया



उज्जैन | नानाखेड़ा उज्जैन में रहने वाली श्रीमती लीलाबाई ने दो वर्ष पूर्व कन्या को जन्म दिया। जन्म से ही बालिका बेहद कमजोर थी। महिला सशक्तिकरण अधिकारी ने जब आंगनवाड़ी भ्रमण के दौरान बालिका माही को देखा तो उन्हें लगा कि यह बच्ची कमजोर होने के साथ-साथ किसी गंभीर रोग से पीड़ित है। बालिका को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं वन स्टॉप सेन्टर के माध्यम से सिविल अस्पताल में पोषण पुनर्वास केन्द्र भिजवाया गया। यहां बालिका की गहन जांच की गई, जिसमें यह पता लगा कि बालिका माही के दिल में छेद है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा उनके सहायकों की टीम द्वारा बालिका का उपचार इन्दौर एमव्हाय अस्पताल में करवाया गया तथा माही का दिल के छेद का ऑपरेशन सफलतापूर्वक अगस्त-2019 में हो गया।
   सफल ऑपरेशन के बाद भी बालिका अत्यधिक कमजोर थी, इसलिये सितम्बर माह में उसे सिविल अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करवाया गया। भर्ती के समय बालिका का वजन छह किलो था। पोषण पुनर्वास केन्द्र में देखभाल और पौष्टिक आहार देने से 17 सितम्बर 2019 तक बालिका का वजन 7.4 किलो हो गया। बालिका का एमव्हाय अस्पताल में पुनर्परीक्षण करवाया गया, बालिका अब पूर्णत: स्वस्थ है। आर्थिक स्थिति खराब होने से श्रीमती लीलाबाई अपनी बेटी का इलाज नहीं करवा पा रही थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम लीलाबाई जैसी महिलाओं के लिये उज्जैन जिले में वरदान सिद्ध हो रहा है।

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