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शरद पूर्णिमा पर दमा रोगियों का इलाज


उज्जैन शहर के समाजसेवी शरद पूर्णिमा पर ही दूर दूर से आए दमा और श्वास रोगियों का निशुल्क जड़ी बूटियों से निर्मित खीर का सेवन करवाकर  इलाज करते हैं |  कई प्रदेशों से यहां इलाज कराने सेकड़ो की संख्या में पहुंचते हैं कहा जाता हे की सोलह कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा ने शरद पूर्णिमा पर बरसाया अमृत औषधि युक्त खीर से दमा रोगियों का काफी फायदा होता है । उज्जैन के इंद्ररा नगर में 23 सालो से शरद पूर्णिमा पर हजारों दमा पीड़ितों को निशुल्क इलाज किया जा रहा है । इलाज के लिए शहर जिले ओर आसपास के कई राज्यो से रोगी रात से ही पहुचने लगे । रातभर भजन कीर्तन करने के बाद रोगियों को ब्रह्म महूर्त में  सुबह 4:00 बजे औषधि युक्त खीर का वितरण किया गया।
उज्जैन के इन्द्ररा नगर में रहने वाले डॉ प्रकाश जोशी पिछले 23 सालों से दमा ओर श्वास रोगियों को निःशुल्क ओषधि युक्त खीर का वितरण कर  रहे  है जिसके चलते हजारो की संख्या में श्वास ओर दमे के मरीज दुर दूर से शरद पूर्णिमा के दिन उज्जैन पहुचते है रोगी यहा पर रात भर भजन कीर्तन  करते है  श्वास रोग चिकित्सा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व हैं। इस कार्य में पूरा जोशी परिवार और मित्रगण निशुल्क सहयोग करते है |  आयुर्वेद  मेें ऋषियों में मानव जगत के हित व मार्गदर्शन के लिये बहुत ही प्रमाणिक और वैज्ञानिक ढंग से स्वास्थ्य के नियमों को दृष्टिगत रखते हुए काल विभाजन किया है। ऋतुकाल के अनुसार उचित आहार-विहार  करने  एवं अनुचित आहर विहार न करने का भी वर्णन है। आयुर्वेद में शिशिर, बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, ऋतु में  पड़ने वाली शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। भारतीय कालगणना के अनुसार यह ऋतु आश्विन व कार्तिक माह में अँग्रेजी माह के अनुसार सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में होती है। इस समय सूर्यबल क्षीणतर एवं चन्द्रबल पूर्णतर होता है। शरद ऋतु में पित्त का प्रकोप व वात का शमन होता है। शरद ऋतु में चन्द्र बल पूर्णतर होता है। शरद पूर्णिमा के दिन श्वास रोग चिकित्सा में औषधियुक्त खीर के सेवन का विधान है। संभवतः इस दिन औषध देवाधिपति चन्द्रमा की शीतल किरणों द्वारा औषधियुक्त खीर को अधिक वीर्यवान बनाया जाता है और बाद में कर्णवेधन किया जाता है एवं रोगी को सारी रात जागरण कराया जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस प्रयोग से एक ही रात में दमे का रोग नष्ट हो जाता है। औषधियुक्त खीर पान : यह भारतीय चिकित्सा पद्धति की अनूठी विधा है, जिसमें शरद पूर्णिमा को चन्द्रमा की किरणों से सेवित विशेष औषधि का दूध में पाक कर प्रयोग कराए जाने से दम के साथ दमा जाने वाली लोकोक्ति पर प्रश्नचिन्ह लगता है क्योंकि बहुतायत से शरद पूर्णिमा के दिन औषधियुक्त खीर पान से रोगी स्वस्थ होते देखे गए हैं।

 

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