जैन समाज तपोभूमि पर बना शरद पूर्णिमा महोत्सव
अभयघोष भगवान के मोक्ष कल्याणक पर स्वर्ण कलश से महामस्तकाभिषेक,निर्वाण लाडू एवं 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज व 105 ज्ञानमती माताजी के जन्म जयंती पर की पूजा हुई
उज्जैन। श्री महावीर तपोभूमि में उज्जैनी से निर्वाण को प्राप्त हुए भगवान श्री अभय घोष का निर्वाण महोत्सव 13 अक्टूबर शरद पूर्णिमा को तपोभूमि प्रणेता मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज की प्रेरणा में मनाया गया।
उज्जैनी तीर्थ भूमि सिद्ध भूमि हैं। उज्जैनी से अभय घोष मुनिराज ने निर्वाण को प्राप्त किया है। ऐसा उल्लेख पंडित बलभद्र जी ने भारत के दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र नामक ग्रंथ में लिखा है।इसी बात को ध्यान में रखते हुए तपोभूमि में श्री अभय घोष भगवान का मंदिर बनाया गया है। और इसी वजह से उज्जैनी को सिद्ध क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है। ट्रस्ट के सह सचिव डॉ. सचिन कासलीवाल ने बताया कि तपोभूमि में शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर ज्ञानवर्धक जाप एवं भक्ति आरती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज व ज्ञानमती माताजी के जन्म जयंती के अवसर पर पूजा हुई सुबह 6 बजे शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग फ्रीगंज से पैदल यात्रा प्रारंभ हुई जिसका मार्गो पर स्वागत हुआ तत्पश्चात पैदल यात्रा इंदौर रोड से होती हुई श्री महावीर तपोभूमि पहुंची जहां तपोभूमि के संपूर्ण लोगों ने यात्रा का स्वागत किया।
पैदल यात्रा में अभय घोष भगवान 108आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ,105ज्ञानमती माताजी एवं तपोभूमि प्रणेता मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के जय जय कार एवं धर्म के नारे लगाते हुए धर्मावलंबी लोग चल रहे थे। जिसमे प्रातः 9.30 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ज्ञानमती माताजी एवं मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, 10 बजे से अभय घोष भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा, 10.30 बजे निर्वाण काण्ड का पाठ एवं निर्वाण लाडू का समर्पण आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं ज्ञानमती माताजी की पूजा हुई तत्पश्चात संपूर्ण समाज का स्वल्पाहार एवं भोजन का आयोजन श्री महावीर तपोभूमि पर हुआ।
प्रथम अभिषेक स्वर्ण कलश से इंदर मल जैन सुगंधित कलश एवं शांति धारा स्वर्ण कलश वीरसेन मोती रानी जैन एवं निर्वाण लाडू समर्पित करने का सौभाग्य दिनेश जैन रमेश जैन मीना जैन सुपर फार्मा परिवार को प्राप्त हुआ व छत्र चलाना, चवर एवं आरती का सौभाग्य रूपेंद्र सुलोचना सेठी को प्राप्त हुआ चार कलश अतुल सोगानी, विमल पुष्पराज जैन ,गिरीश बिलाला ,संजय जैन को प्राप्त हुआ।
तत्पश्चात तपोभूमि में बाहर से आए एवं उज्जैन से आए संपूर्ण लोगों ने 108 कलश से अभय घोष भगवान का महामस्तकाभिषेक किया। तत्पश्चात संपूर्ण लोगों का स्वागत किया गया जिसमें प्रमुख रुप से अशोक जैन चायवाला कमल मोदी अंजू जैन हेमंत गंगवाल पुष्पराज जैन संजय जैन राजेंद्र लुहाडिया सुरेश जैन सागर जैन गिरीश बिलाला भूषण जैन सागर जैन आदि कई लोग मौजूद थे संपूर्ण कार्यक्रम पंडित श्रेयश जैन ने कराया।