top header advertisement
Home - उज्जैन << श्री मज्जिनेंद्र अर्चना महोत्सव श्री महावीर तपोभूमि में सातवें दिन

श्री मज्जिनेंद्र अर्चना महोत्सव श्री महावीर तपोभूमि में सातवें दिन



जल चंदन एवं अष्ट द्रव्य के अर्घ चढ़ाकर पूजा संपन्न
उज्जैन।। श्री महावीर तपोभूमि में मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के आशीर्वाद से 10 दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को आठवें दिन ऋषि मंडल विधान की रचना की गई जल और चंदन अष्ट द्रव्य के साथ पूजा संपन्न की गई सर्वप्रथम श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा तत्पश्चात विधान इंजीनियर पंडित श्रेयश जैन ने कराया।
जानकारी देते हुए ट्रस्ट के सहसचिव डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि दस दिवसीय श्री भगवद जिनेंद्र महा आर्चना महोत्सव के अंतर्गत ऋषि मंडल विधान का आयोजन हुआ विधान के पूर्णयजक परिवार रमेश दिनेश लविश जैन सुपर फार्मा, दीपक जैन कंप्यूटर, अजय कंचन सरावगी कोलकाता, अनिल संगीता गोधा जयपुर ने सोभाग्य प्राप्त एवं श्री संत निवास में विराजमान श्री 1008 पदम प्रभु भगवान की शांतिधार करने का सोभाग्य रमेश दिनेश लविश  सुपर फार्मा परिवार को प्राप्त हुआ
एवं श्री 1008 महावीर भगवान की शांतिधारा करने का सोभाग्य वीरसेन जैन को प्राप्त हुआ एवं श्री 1008 मुनीसुव्रत नाथ भगवान की शांतिधारा करने का सोभाग्य  विकास सेठी को प्राप्त हुआ
विधान कराने वाले सभी सदस्य एवं परिवारों का सम्मान ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल मोदी सचिव दिनेश जैन सुपर शर्मा कोषाध्यक्ष इंदर मल जैन अतुल सोगानी, सारिका जैन उपाध्यक्ष  विमल जैन धरमचंद पाटनी वीरसेन जैन राजेंद्र लुहाडिया मोनिका धीरेंद्र सेठी ज्योति पुष्पराज जैन आदि संपूर्ण लोगों ने सम्मान किया

 7 अक्टूबर-सोमवार
                    मृत्युंजय विधान
श्री महावीर तपोभूमि में होगा
 -------
शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में नवरात्रि के आठवें दिन जिनवाणी विधान 
वृद्ध अवस्था का आभास होते ही तिजोरी की चाबी छोड़ देना चाहिए :-मुनि मार्दव सागर महाराज
उज्जैन।।शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मुनि श्री मार्दव सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि वृद्धा अवस्था का आभास होते ही तिजोरी की चाबी छोड़ देना चाहिए और बाहरी चीजों की लालसा कम करना चाहिए तथा धार्मिक क्रियाकलापों में अपनी रूचि बढ़ाना चाहिए मुनिश्री ने कहा कि हमें लक्कड़ एवं भुलक्कड़ दोनों नहीं बनना है एवं कहां की शिप्रा के किनारे चंद्रगुप्त मौर्य उनके गुरु भद्रबाहु एवं अनेक मुनियों ने प्राचीन समय में तपस्या किया था उज्जैन के सती गेट का नाम भी मनोरमा सती के नाम से पड़ा है आज जिन चैत्य का दिन है अर्थात जैन मंदिर एवं जिन मूर्ति दोनों की रक्षा करने का दिन है प्राचीन जमाने में सैकड़ों जैन मंदिरों को एवं मूर्तियों को तोड़ दिया गया था हमें उनका जैन नवनिर्माण करने में आगे आना है आपने कहा कि हमें अपनी मर्यादा को ध्यान में रखना चाहिए लांघना नहीं चाहिए जिस प्रकार नदी अपनी मर्यादा को तोड़ देती है तो धन दौलत चल अचल संपत्ति खेत खलिहान आदि का बहुत नुकसान विनाश होता है इसी तरह मंदिर में एवं समाज में रहते हो हमें अपने पहनने ओढ़ने में मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए हमें मूल भूल नहीं करना चाहिए अज्ञानता के अंधकार से निकल कर हमें बाहर आना है वर्तमान परिवेश में वैज्ञानिक ज्ञान फेल हो सकता है लेकिन महावीर का ज्ञान नहीं मंदिर में जिन पूजा अलग अलग द्रव्य से की जाती है अलग-अलग द्रव्य को छूने से भी शरीर में ऊर्जा मिलती है इलाइची लोंग बादाम सुपारी श्रीफल आदि शारीरिक ऊर्जा शक्ति मैं बढ़ोतरी करते हैं जानकारी देते हुए डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि शीतलनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया गया जिसमें 21 किलो का निर्वाण लाडू चढ़ाया गया समर्पित किया गया पुण्य अर्जक परिवार अंगूरी बाई, हीरालाल बिलाला ,सुशीलाबाई जैन, सिंघवी जैन, दिलीप विनायका परिवार आदि थे सोमवार को जिन चैत्यालय विधान होगा तत्पश्चात हवन होगा एवं मंगलवार 8 अक्टूबर को विशाल चल समारोह सुबह 8ः30 बजे शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग से प्रारंभ होगा जो घंटाघर से पुरानी सब्जी मंडी पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर होता हुआ पुनः बोर्डिंग मंदिर पहुंचेगा जहां पर श्री जी के अभिषेक होगी एवं मुनि श्री के प्रवचन होंगे

संपूर्ण व्यवस्था में ट्रस्ट के इंदर चंद जैन तेज कुमार विनायका प्रकाश चंद जैन रमेश चंद चौधरी हीरालाल बीलाला महेंद्र लुहारिया दिलीप विनायका विराट भक्ति महिला मंडल एवं मुनि भक्त महिला मंडल आदि लोगों  थे 

Leave a reply