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नौ दिवसीय नवपद ओली तप आराधना प्रारंभ



शरद पूर्णिमा तक खाराकुआ मंदिर में चलेगी तप आराधना-24 घंटे में एक बार उबला भोजन ग्रहण करेंगे आराधक
उज्जैन। खाराकुआ स्थित श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी पर शनिवार से नौ दिनी शाश्वती ओलीजी आराधना प्रारंभ हुई। शरद पूर्णिमा 14 अक्टूबर तक चलने वाली नौ दिवसीय नवपद ओली तप आराधना में श्वेतांबर जैन समाज के ढाई सौ आराधक साध्वीश्री हेमेंद्रश्रीजी, चारूदर्शाश्रीजी आदि के सानिध्य में आयंबिल तप व विशिष्ट धार्मिक क्रिया कर रहे हैं। इस दौरान आराधक 24 घंटे में एक बार उबला हुआ भोजन ग्रहण कर रहे हैं। 
नव दिवसीय यह आराधना दोनों ही नवरात्र पर सप्तमी से शुरू हुई जिसमें आराधक प्रतिदिन सुबह पूजन, प्रवचन श्रवण, देववंदन सहित अनेक धार्मिक क्रियाएं श्री सिध्दचक्र महायंत्र पट्ट के समक्ष करेंगे। नवपद पूजन, पंच कल्याणक पूजन, सत्तरभेदी पूजानवणु प्रकारी पूजा, अंतराय कर्म निवारण पूजन, वीश स्थानक, सिध्दचक्र महापूजन सहित पूजन होंगी। ओली तप से कर्म की निर्जरा होती है। मान्यता है कि हजारों वर्ष पहले महाराजा श्रीपाल मयाणा सुंदरी ने उज्जयिनी में नवपद ओली तप आराधना की थी। उसके बाद उनका कुष्ठ रोग दूर हुआ था और उन्हें अपना खोया हुआ राजपाट भी मिल गया था। यहीं कारण है कि श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी पर ओली आराधना के लिए देशभर से आराधक जुटते हैं। ट्रस्ट सचिव जयंतीलाल तेलवाला ने बताया कि तप में आराधक नौ दिन तक प्रतिदिन आयंबिल करेंगे अर्थात रूखा, उबला, मिर्च मसाला, घी, तेल, दूध दही रहित भोजन एक ही बैठक पर ग्रहण किया जाता है। अनेक आराधक वरण की कठिन ओली भी करते हैं। इसमें मूंग, उड़द, चावल जैसे एक ही पदार्थ से उबालकर तैयार की गई सामग्री ही ग्रहण की जाती है। इस आराधना में उज्जैन के अलावा देशभर के अन्य शहरों से 250 आराधक शामिल है जिसके लाभार्थी गोतमचंद, जम्बुकुमार, सुदीप, हर्षित एवं धींग परिवार हैं। 

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