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श्री मज्जिनेंद्र अर्चना महोत्सव श्री महावीर तपोभूमि में छठे दिन



कालीकुंड विधान में बादाम लोंग एवं अष्ट द्रव्य के अर्घ चढ़ाकर संपन्न किया विधान
उज्जैन। श्री महावीर तपोभूमि में नवरात्रि के छठे दिन कली कुंड विधान संपन्न हुआ जिसमें बदाम,लौंग और अष्ट द्रव्य का अर्ध चढ़ाया गया संपूर्ण विधान में बड़े भक्ति भाव पूर्वक नाच गाकर विधान किया गया सर्वप्रथम श्रीजी के अभिषेक शांतिधारा एवं मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज की पूजा की गई तत्पश्चात कालीकुंड विधान संपन्न हुआ।
ट्रस्ट के सह सचिव डॉ.सचिन कासलीवाल ने बताया कि श्री महावीर  तपोभूमि प्रणेता परम पूज्य मुनि 108 श्री प्रज्ञासागर जी महराजश्री के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से श्री महावीर तपोभूमि उज्जैन में श्री मज्जिनेंद्र अर्चना महोत्सव के छटवें दिन श्री कलिकुण्ड पार्श्वनाथ विधान करने का पुण्यार्जन अशोक रंजना जैन चायवाला सपरिवार,सुधीर लुहाड़िया,हेमंत अंजू गंगवाल, वीरसेन मोतिरानी  जैन ,अनिल पतंगया,ऋषभ कुमार वसंत कुमार जैन उज्जैन पारसमल अमितकुमार बाकलीवाल एवं परिवार, निमोड़िया वाले सांगानेर जयपुर ने प्राप्त किया।  
भगवान का सौधर्म इंद्र बनकर प्रथम कलश सुगंधित कलश एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य अशोक रंजना जैन चायवाला परिवार ने प्राप्त किया विधान  एवं संपूर्ण आयोजन प.  इंजी. श्रेयश जैन ने कराएं।
जिसमें आज विधान कराने वाले सभी परिवार के लोगों का सम्मान ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष  अशोक जैन चायवाला अध्यक्ष कमल मोदी, सारिका जैन, वीरसेन जैन, विमल जैन राजेंद्र लुहाडिया, मोनिका धीरेंद्र सेठी अंजू हेमंत गंगवाल ज्योति पुष्पराज जैन आदि कई लोग मौजूद थे।
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शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में नव देवता विधान के छठे दिन जिन धर्म विधान संपन्न हुआ
धर्म ढोंग पूर्वक नहीं ढंग पूर्वक करना चाहिएः-मुनि मार्दव सागर महाराज
उज्जैन। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में नव देवता विधान के छठे दिन जिन धर्म विधान संपन्न हुआ धर्म ढोंग पूर्वक नहीं ढंग पूर्वक करना चाहिए इसमें अपनी ओर से कोई इट्स एंड बर्ड्स किंतु एवं परंतु नहीं लगाना चाहिए साधु परमेष्ठी हमारे आदर्श हैं यह चलते फिरते तीर्थ हैं हमें घर को ही मंदिर बनाने की आवश्यकता है एवं आपने कहा कि जैन धर्म सबसे प्राचीन एवं सनातन धर्म है आज विश्व के अनेक बड़े बड़े शहरों में विशाल जैन मंदिर बने हुए हैं अमेरिका मैं व्हाइट हाउस में आगामी 7 अक्टूबर को णमोकार मंत्र का जाप होगा एवं आपने कहा कि सदभाव का नाम ही जैन धर्म है इच्छाओं का त्याग करना अथवा उन्हें कम करना जैन धर्म का मुख्य आधार है हमें फ्रिज की अपेक्षा ताजा भोजन करना चाहिए ताजा खाने से शरीर में भी ताजगी रहती है पर स्त्री के प्रति सपने में भी दूर भाव नहीं आना चाहिए रावण का उदाहरण देते हुए आपने कहा उनका एक लिया हुआ व्रत अनाधिकृत चेष्टा नहीं करना बहुत बड़ा पुण्य का कारण बना वे हमारे आगामी तीर्थंकर होने वाले हैं किसी भी चीज के प्रति जबरदस्ती करना यह भी एक प्रकार की हिंसा है व्यक्ति पुण्य के उदय में पाप कर सकता है एवं पाप के उदय में भी पुण्य भाव जागृत हो सकते हैं वही व्यक्ति पूजनीय होता है आपने कहा कि टीवी सेट बर्बादी का गेट मन एवं जीवन को करें अपसेट हमें घर नहीं मन बदलना है जैन धर्म पहले मानवता का धर्म है एवं मुनि श्री ने कहा खूब तरसाया इन ख्वाहिशों ने तुझे अब इन ख्वाहिशों को तू तरसती छोड़ दे।
डॉ.सचिन कासलीवाल ने बताया कि शनिवार को विधान के अंतर्गत जिनवाणी विधान होगा विराट भक्ति महिला मंडल ने सभी धर्मावलंबियों से अधिक से अधिक पधारने की अपील की है।
शुक्रवार को जैन सम्राट चंद्रगुप्त के चित्र का अनावरण भी किया गया।
संपूर्ण व्यवस्था में ट्रस्ट के इंदर चंद जैन तेज कुमार विनायका प्रकाश चंद जैन रमेश चंद चौधरी हीरालाल बीलाला महेंद्र लुहारिया दिलीप विनायका विराट भक्ति महिला मंडल एवं मुनि भक्त महिला मंडल आदि लोगों  थे।

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