सूखे मेवे पर लगे कर से व्यापारियों में असंतोष
उज्जैन। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सूखे मेवे (ड्रायफ्रूट) पर 1.5 प्रतिशत मंडी टैक्स आरोपण के प्रस्ताव से होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन में रोष है। व्यापारियों का कहना है कि सूखा मेवा ज्यादातर विदेशों से आयात होता है। इस पर पहले से ही 30 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी तथा 5 से 12 प्रतिशत तक जीएसटी के माध्यम से लिया जा रहा है। ऐसे में नए करारोपण से व्यापारियों के सामने संकट खड़ा होगा। व्यापारियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर शशांक मिश्र को सौंपते हुए कर को वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय रोहरा ने बताया कि सूखे मेवे का मंडी टैक्स से कोई सरोकार नहीं है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने व्यापारियों को आपत्ति के लिए छह सप्ताह का समय देकर एक माह पहले गजट नोटिफिकेशन कर दिया है। इसके चलते सभी जिलों के व्यापारी यह कार्रवाई कर रहे हैं। ज्ञापन देते समय सचिव सुरेश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष संजय अग्रवाल, कन्हैया रामलानी, ब्रजेश राठी, रविश जैन, बंटी जैन, प्रशांत अग्रवाल, कमल कर्मवानी, मनीष चौरसिया, ओम दिसावल, कपिल मूलानी, भारमल उपस्थित थे।