top header advertisement
Home - उज्जैन << दिग्गी राजा से दो बातें, धर्म का ढोंग मुक्ति का मार्ग नहीं- आचार्य सत्यम्

दिग्गी राजा से दो बातें, धर्म का ढोंग मुक्ति का मार्ग नहीं- आचार्य सत्यम्



उज्जैन। राजा साहब, जय महाकाल। राजाओं के राज स्वतंत्र भारत में समाप्त हो गए, फिर भी आप जन-प्रतिनिधि लोकसेवक रहने के बाद भी राजा साहब हैं और ग्वालियर वाले महाराज और श्रीमंत। अतीत से मुक्त न होने के कारण ही आप दोनों विगत् लोकसभा निर्वाचन में दिन में तारे देखने को बाध्य हुए। आपने नर्मदा परिक्रमा पर जाने के पूर्व हमसे अबोला ले लिया, कारण अगली खुली पाती में बताऊँगा। अभी तो श्राद्ध पक्ष में जब आप महाकाल की नगरी में आकर देव-दर्शन, संत सत्संग कर धर्म का आडम्बर कर, ट्रम्प और मोदी को तमाशेबाज बताकर चले गए। आपकी मेल आई.डी. पर उपलब्ध हमारे 8 अगस्त 2019 के वक्तव्य को याद करने का आग्रह कर रहे हैं।
हमने ‘‘हे मृत्युंजय, हे महाकाल, त्राहिमाम्-त्राहिमाम्‘‘ शीर्षक से जो आव्हान महाकालेश्वर का किया था, उसके बाद के मध्यप्रदेश के विशेषकर मालवा के नजारे पर गौर करें। आप और आपकी सरकार जन कल्याण का केवल छलावा कर रही है। आप सच्चे महाकाल भक्त बने हुए हैं। हमारी आपसे क्या दुश्मनी हो गई कि राम-राम भी बंद हो गई। जबकि आपके अबोले के बावजूद हम दादा कल्याण जैन ‘पूर्व सांसद इंदौर’ के आग्रह पर उनके साथ आपसे नर्मदा परिक्रमा में दो बार
मिले। मध्यप्रदेश में आपकी और कम्प्युटरजी की कृपा से पंगु सरकार बन गई, ऐसा आप मानते हैं। हम क्या मानते हैं? वह सार्वजनिक है। टायगर मामा के पहले आपने प्रदेश को निचोड़ दिया और उसके अस्थि-पंजर भी टायगर मामा ने गिरवी रख दिए। प्रदेष की सभी नदियों को विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेन्ट बैंक तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के यहां गिरवी रखकर अरबों की जन-धन की राशि की बर्बादी कर नदी-लिंक योजनाओं के नाम पर मध्यप्रदेश और मालवा को रेगिस्तान बना दिया। आप और आपकी नाथ सरकार टायगर मामा की उन्हीं जन-विरोधी नीतियों और कार्यक्रमों पर चल रही है। पंचायती राज और लोकतंत्र में आप लोगों की आस्था इसी से प्रमाणित है कि आप सौ गौशालाओं का ठेका कुमार मंगलम् बिड़ला को दे रहे हैं, जिन्होंने आज तक एक गाय नहीं पाली, अब वे प्रदेश में मुफ्त की जमीन और संसाधनों पर हाईटेक गौशालाओं के माध्यम से पता नहीं, ये धनकुबेर गांयों के नाम पर सुअरनियों (बाहरी नस्ल की गायों) का पालन करें। क्या मनरेगा और अन्य ग्रामीण विकास की योजनाओं के आधार पर ग्राम सभाओं के नेतृत्व में धरती पुत्र किसान गोपालन करने में सक्षम नहीं हैं? क्या आप अपनी प्रदेश सरकार की तरह लोकतंत्र की मूलाधार ग्राम पंचायतों को भी पंगु ही बनाये रखना चाहते हैं?
दो व्यक्तिगत प्रश्नः- आपने मुख्यमंत्री रहते विधायक खाचरोद दिलीपसिंह गुर्जर की मांग पर खाचरोद, नागदा तहसीलों में सैंकड़ों एकड़ शासकीय गोचर भूमियों पर भू-माफिया श्रवणसिंह शेखावत गिरोह के कब्जे की जांच आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश से करवाई थी। दो बंदोबस्त अधिकारी दण्डित किए गए थे तथा कलेक्टर उज्जैन को 1995 में आदेशित किया गया था कि वे तत्काल शासकीय गोचर भूमियों को अवैध अतिक्रमण से मुक्त करें। आपकी सरकार शेखावत भू-माफिया का बाल भी बांका नहीं कर पाई और दिलीपसिंह गुर्जर और पूर्व जमींदार रघुवंशी परिवार ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की। हमने पैरवी की। तीन महिने में शासकीय भूमियों को मुक्त कराने का आदेश आज तक अमल में नहीं आया। हमको मजबूर होकर स्वयं याचिकाकर्ता बन लोकहित याचिका क्रमांक 5121/2014 प्रस्तुत करना पड़ी, जिसमें आज तक न्यायालयीन आदेश के बावजूद शासन ने उत्तर प्रस्तुत नहीं किया। टायगर मामा तो अपने दल के भू-माफिया को बचाते ही रहे, गोभक्त कमलनाथ और आप, आपकी सरकार के नो माह पूरे होने पर भी मौन क्यों हैं? यदि आप महाकाल भक्त हैं तो चाहें अबोला रखें, हमारे दर्शन को पाप समझें, तो भी आपको हमारी इस याचिका में अपनी सरकार से जवाब तो पेश करवाना चाहिए? क्या इस और ऐसी ही हकीकतों से मुंह चुराने के लिए ही आपका हमारा अबोला है? वरना आपने अपनी सरकार के जाते-जाते तो लाल बत्ती तक आॅफर कर दी थी। लालूजी और उनके प्रदेश नेतृत्व के सुझाव पर लाल बत्ती से मना करने पर आपने हमें प्रदेश का आदर्श नागरिक घोषित करने का निर्णय लेकर उस पर अमल का आदेश दिया था। तब तो आपकी सरकार चली गई। अब क्या इरादा है? शेष अगली पाती में।

Leave a reply