जानिये देश की पहली महिला विधायक के बारे में, गूगल ने डूडल बना किया याद
आज देश के अधिकांश लोग सुषमा स्वराज और निर्मला सीतारमण के बारे में जानते हैं वहीं देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी सभी जानते हैं। लेकिन क्या किसी को याद है कि देश की पहली महिला विधायक कौन थीं। Google Doodle आज इसी पहली महिला विधायक को याद करते हुए बनाया है।
वो महिला विधायक थीं डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी, यह वो नाम है जो इतिहास में गुम हो गया है और आज की पीढ़ी इस नाम को नहीं जानती। लेकिन, वो एक एसी महिला थीं जिन्होंने अपने समय जो किया वो किसी महिला के लिए करना असंभव सा जान पड़ता था।
डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी को देश की पहली महिला विधायक के रूप में याद किया जाता है लेकिन शायद आप ये नहीं जानते कि मुथुलक्ष्मी ही लड़कों के स्कूल में दाखिला लेने वालीं देश की पहली महिला थीं। इसके आलावा मुथुलक्ष्मी ही देश पहली (मेडिकल ग्रेजुएट) महिला डॉक्टर भी थीं। मुथु जीवन भर महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़तीं रहीं और देश की आजादी की लड़ाई में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया।
कौन थीं मुथुलक्ष्मी
30 जुलाई 1886 में तमिलनाडु (तब मद्रास) में जन्मीं मुथुलक्ष्मी को भी बचपन से ही पढ़ने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुथु के पिता एस नारायण स्वामी चेन्नई के महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल थे। मुथु की मां चंद्रामाई ने समाज के तानों के बावजूद उन्हें पढ़ने के लिए भेजा। उन्होंने भी मां-बाप को निराश नहीं किया और देश की पहली महिला डॉक्टर बनीं।
मुथुलक्ष्मी को इंग्लैंड जाकर आगे पढ़ने का मौका भी मिला लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर वुमेन इंडियन एसोसिएशन के लिए काम करना ज्यादा जरूरी समझा। 1954 में उन्होंने अद्यार कैंसर इंस्टिट्यूट की नींव रखी जो आज हर साल करीब 80 हजार कैंसर मरीजों का इलाज करता है।
दो साल बाद यानी 1956 में, मुथुलक्ष्मी को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें मद्रास विधानसभा के उप-राष्ट्रपति के रूप में चुना गया. जिसके बाद वह भारत की पहली महिला विधायक बनीं। अपने पद पर काम करते हुए उन्होंने लड़कियों की कम आयु में शादी रोकने के लिए नियम बनाएं और अनैतिक तस्करी नियंत्रण अधिनियम को पास करने के लिए परिषद से आग्रह किया।