जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, मारा गया आतंकी जाकिर मूसा
श्रीनगर। कश्मीर में अल कायदा की पहचान बने अंसार उल गजवात ए हिंद के कमांडर जाकिर मूसा डाडसर (त्राल) में वीरवार को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। उसकी मौत के बाद वादी में हिंसक प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अगले आदेश तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं।
कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस और अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के साथ निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार डाडसर में शाम के समय मूसा व उसके साथियों के छिपे होने की सूचना पर सेना की 42 आरआर, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए एक तलाशी अभियान चलाया।
तलाशी लेते हुए जवान जैसे ही एक मकान के पास छिपे तो अंदर छिपे आतंकियों ने उनपर फायर करते हुए वहां से भागने का प्रयास किया, लेकिन जवानों ने त्वरित कार्रवाई की और आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। दोनों ओर करीब 20 मिनट तक गोलियां चलती रहीं।
इस दौरान आतंकी समर्थक तत्वों ने आतंकियों के लिए सुरक्षित रास्ता तैयार करने के इरादे से सुरक्षाबलों पर जमकर पथराव किया, लेकिन जवानों ने आतंकियों को भागने का कोई मौका नहीं दिया। दोनों ओर से फायरिंग होने लगी। कुछ ही देर में जाकिर मूसा का गोलियों से छलनी शव बरामद किया गया। उसके साथ शामिल अन्य साथी भाग निकले। जिनकी तलाश की जा रही है।
जानकारी सामने आई है कि वादी में वर्ष 2013 से सक्रिय जाकिर मूसा त्राल के नूरपोरा का रहने वाला था। उसके पिता अब्दुल रशीद बट एक शासकीय विभाग में इंजीनियर हैं।
आतंकी बनने वाले मूसा ने चंडीगढ़ स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंंग के पाठ्यक्रम में अध्ययन किया था लेकिन बाद में उसने अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी। मूसा पर सुरक्षा एजेंसियों ने 15 लाख इनाम घोषित किया हुआ था।
गौरतलब है कि मूसा जुलाई 2016 में मारे गए हिज्बुल के आतंकी बुरहान वानी का करीबी था उसे आतंकी संगठन में आरिफ व आदिल नामक दो आतंकी कमांडरों ने भर्ती करवाया था, इन लोगों ने और उसके दोस्त उसके एक दोस्त इद्रीस ने बुरहान को आतंकी बनाया था।
इस बीच, मूसा के मारे जाने की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव फैल गया। लोग नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए और जगह-जगह पुलिस व आतंकी समर्थक तत्वों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।
हालात को देखते हुए प्रशासन ने त्राल और उसके साथ सटे इलाकों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही पूरी वादी में अलर्ट का एलान कर दिया। इसके साथ ही वादी में अगले आदेश तक सभी शिक्षण संस्थान बंद करने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया।