देश सीमाओं की सुरक्षा करने तैनात होंगे रोबो जवान, DRDO कराएगा तकनीक का पेटेंट
देहरादून। रोबोटिक आर्मी की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के देहरादून स्थित यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (IRDE) ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित ऐसी रोबोटिक तकनीक ईजाद की है, जिससे सीमा पर निगरानी की जा सकती है और जरूरत पड़ने पर दुश्मनों को शूट करने में भी सक्षम है। इस तकनीक का सफल प्रयोग कश्मीर में सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में किया जा चुका है।
IRDE के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेपी सिंह व तकनीकी अधिकारी वैभव गुप्ता ने आर्टिशियल इंटेलीजेंस वाली रोबोटिक तकनीक को ईजाद किया है। वरिष्ठ वैज्ञानिक जेपी सिंह ने जागरण को बताया कि कश्मीर में किए गए प्रदर्शन में रोबोट ने मानव, गाय, बिल्ली, कुत्ते, घोड़े, भेड़ की अलग-अलग पहचान करने के साथ ही कार, बस, साईकल आदि 20 तरह के ऑब्जेक्ट को भी बखूबी पहचानने का काम किया।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे प्राप्त सूचना रियल टाइम पर प्राप्त हो रही है। साथ ही यह दिन और रात में बराबर रूप से एक किलोमीटर की दूरी तक की निगरानी कर सकता है।
5 लाख में तैयार होगा एक रोबोट
IRDE के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेपी सिंह के अनुसार रोबोट की न्यूरल चिप अभी अमेरिका से मंगाई जा रही है, जिसकी कीमत सिर्फ आठ हजार रुपये के लगभग आ रही है। शेष काम संस्थान ने अपने स्तर पर किया है और एक रोबोट को तैयार करने में लगभग 5 लाख रुपये का ही खर्च का आ रहा है।
बंदूक से शूट करने में है सक्षम
इस रोबोट पर बंदूक (गन) फिट करने पर यह उससे गोली दागने में भी सक्षम है और मानव क्षमता से तीन गुना ज्यादा रफ्तार से रोबोट इस काम को कर सकता है। इसके अलावा अनमैंड एयर व्हीकल (ड्रोन) के जरिए भी यह दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है।
चेहरा पहचाने पर काम शुरू इस रोबोटिक तकनीक से अभी यह पता किया जा सकता है कि सामने कोई व्यक्ति है या जानवर, जबकि अब आइआरडीई के वैज्ञानिक इसे चेहरा पहचानने के लिए अपग्रेड करने में जुट गए हैं। इससे रोबोट यह भी बता पाएगा कि सामने कौन सा व्यक्ति है।
एल्गोरिदम के जरिए किया जा रहा प्रशिक्षित रोबोट को निगरानी करने व हमला करने लायक बनाने के लिए एल्गोरिदम प्रणाली का प्रयोग किया। इसके तहत न्यूरल चिप युक्त रोबोट को मानव प्रशिक्षक, विशेष वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। यह सीख रियल टाइम के हिसाब से दी गई। ताकि जंग के समय रोबोट रियल टाइम पर किसी भी आदेश का पालन कर सके।
DRDO करा रहा रोबो तकनीक का पेटेंट
सीमा पर निगरानी करने और जंग लड़ने में सक्षम रोबो तकनीक ईजाद करने के बाद अब डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने इसका पेटेंट कराने की कवायद तेज कर दी है। इसके साथ ही रोबोटिक आर्मी की अवधारणा को साकार करने के लिए सेना के साथ जल्द अंतिम ट्रायल भी किया जाएगा।
आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस आधारित रोबोटिक तकनीक ईजाद करने वाले यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (IRDE) के एसोसिएट डायरेक्टर जेपी सिंह ने यह जानकारी दी।