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CBSE बदलेगा 10वीं की परीक्षा का पैटर्न, क्रिएटिव उत्तर देने वालों को मिलेंगे ज्यादा नंबर


नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के प्रश्नों पैटर्न में कुछ बड़े बदलाव की योजना बना रहा है। सीबीएसई ने 2019-20 सेशन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के मुताबिक स्टूडेंट्स की लर्निंग कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए बोर्ड ने 10वीं के लिए नई मार्किंग स्कीम को इंट्रोड्यूस किया है। इस नई गाइडलाइन का फोकस उनकी प्रैक्टिकल नॉलेज और थॉट प्रोसेस को विकसित करना रहेगा।
सीबीएसई ने 20 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के वर्तमान प्रारूप में विविधता लाने का निर्णय लिया है। लेकिन, बड़े बदलाव 60 अंकों के सिद्धांत वाले हिस्से में होंगे। इन खंडों में अब कम प्रश्न होंगे, जिनमें से प्रत्येक में उच्च अंक के साथ लंबे फॉर्म और रचनात्मक उत्तर देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। गाइडलाइन के मुताबिक 10वीं क्लास के इंटरनल टेस्ट के मार्क्स को स्टूडेंट्स की साल भर की परफॉर्मेंस के आधार पर डिवाइड कर दिया है। 10वीं क्लास के 20 मार्क्स पहले 10+5+5 में डिवाइड थे। नए प्रस्ताव के अनुसार 20 मार्क्स में से 10 मार्क्स पेन पेपर टेस्ट और 5 मार्क्स ओरल टेस्ट, कॉनसेप्ट मैप व क्विज के होंगे।
सीबीएसई छात्रों की क्रिटिकल थिकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग, इफेक्टिव कम्युनिकेशन, एनालिसिस स्किल बेहतर करने के लिए सत्र 2019-20 से अपने असेसमेंट व इवेल्यूएशन के तरीके बदलने पर विचार कर रहा है। यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इस संबंध में बोर्ड ने हालही में एक आदेश भी जारी किया है। इसमें नेशनल असेसमेंट सर्वे 2017-18 की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसई 10वीं के छात्रों की साइंस में परफार्मेंस सबसे कम रही है। हालांकि अन्य बोर्ड की तुलना में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, लेकिन सीबीएसई चाहता है कि छात्रों की परफार्मेंस को और भी बेहतर किया जाए। 
सीबीएसई द्वारा प्रस्तावित बदलाव के अलावा इस बार से शुरू हुए 33 प्रतिशत सवालों में विकल्प देने का पैटर्न बरकरार रखा जाएगा। इस बदलाव की जानकारी बोर्ड के पाठ्यक्रम में प्रकाशित की जाएगी। यह कागजात स्कूलों को अप्रैल 2019 तक उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। आदेश के जरिए पहले ही जानकारी दी गई है, ताकि स्कूल इस आधार पर छात्रों की तैयारी करवा सके। बता दें कि, सीबीएसई 60 अंक लाने वाले भाग में प्रश्नों की संख्या को कम करेगा। एक अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक प्रश्न अब अधिक अंक के लिए पूछा जाएगा। छात्रों को वर्तमान प्रारूप की तुलना में लंबे समय तक और अधिक रचनात्मक तरीके से जवाब देना होगा। मार्किंग स्कीम और मूल्यांकन को इसी तरह तैयार किया जाएगा।

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