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नए सांसद नहीं ठहर सकेंगे पांच सितारा होटल में, सरकार ने की नई व्यवस्था


नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के गठन में अब सिर्फ तीन हफ्ते का समय ही बाकी है। ऐसे में संसद में जीतकर आने वाले 'माननीयों' के स्वागत की तैयारी तेज हो गई है। फिलहाल इस कड़ी में जो बड़ा फैसला लिया गया है, उसके तहत इस बार जीत कर आने वाले किसी भी नए सांसद को होटल में नहीं ठहराया जाएगा। इनके ठहरने के लिए वेस्टर्न कोर्ट सहित राजधानी में मौजूद अलग- अलग राज्यों के भवन में व्यवस्था की गई है। जहां करीब तीन सौ कमरे आरक्षित किए गए हैं। संसद की इस कवायद को सांसदों को होटल में ठहराने पर होने वाले भारी भरकम खर्चों में कटौती से जोड़कर देखा जा रहा है।
कई बार महीनों तक स्थाई आवास न मिलने पर सांसदों को होटलों में ही रहना होता है। ऐसे में होटल का पूरा खर्च संसद को देना पड़ता है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को नए सदस्यों के स्वागत की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक में इस पर पूरी स्थिति साफ की और कहा कि नए सदस्यों के प्रशिक्षण सहित उनके आने-जाने और उनकी अगवानी करने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। महाजन ने अधिकारियों की तैयारियों पर संतोष जताया। साथ ही सेंट्रल हाल में फर्नीचर सहित आंतरिक साज-सज्जा को लेकर चल रही तैयारियों का भी जायजा लिया।
लोकसभा में मौजूदा समय में सदस्यों की संख्या 545 है, जो 23 मई को जीतकर सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। मौजूदा व्यवस्था के तहत विजयी सभी सांसदों के ठहरने की व्यवस्था संसद (पार्लियामेंट) की ओर से की जाती है।
नए सदस्यों की अगवानी के लिए संसद में खुलेगा कंट्रोल रूम
लोकसभा में जीतकर आने वाले नए सदस्यों की अगवानी के लिए संसद में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। जो वार रूम के रूप में 23 मई की सुबह से काम शुरू कर देगा। इस दौरान जीत दर्ज करने वाले सांसदों से तुरंत ही संपर्क किया जाएगा। साथ ही उनके संसद में आने की पूरी जानकारी और संसद सदस्य के रूप में भरे जाने वाले फार्मों का पूरा ब्योरा उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, उन्हें अस्थाई रूप से एक पहचान पत्र भी जारी किया जाएगा, जो जीतकर आने वाले सदस्यों को दिल्ली पहुंचते ही तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा।
तीस साल के बाद सेंट्रल हाल का लुक हुआ चेंज
संसद का सेंट्रल हाल करीब तीस साल के बाद सजाया-संवारा जा रहा है। इसकी कुर्सियां अब पहले के मुकाबले ज्यादा आराम दायक और चमकीली दिखेंगी। इसके साथ ही सेंट्रल हाल की आंतरिक सज्जा में भी बदलाव किया गया है। हाल में लगे खास लुक वाले पंखों को नए सिरे से सजाया जा रहा है, ताकि वह बगैर आवाज किए तेजी से चल सकें। सेंट्रल हाल में बड़े स्तर पर साज-सज्जा का यह काम करीब तीस सालों के बाद किया जा रहा है।

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