भारत को मिली बड़ी सफलता, यूएन ने किया मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित
संयुक्त राष्ट्र। मसूद अजहर मामले में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। उसको ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया गया है।
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद पीएम मोदी ने जयपुर में पहली चुनावी रैली को संबोधित किया और कहा कि आतंक की हमारी नीति साफ है और हम उनको घर में घुसकर मारेंगे। वो अगर गोली मारेंगे तो हम गोला मारेंगे। उन्होंने कहा कि यह संतोष का विषय है कि संयुक्त राष्ट्र ने मसूद को आतंकी घोषित कर दिया। पहले देश में रिमोट वाली सरकार थी अब नए भारत के भारतवासियों की आवाज को दुनिया में सुना जाता है। मसूद को आतंकी घोषित होने के मामले में उन्होंने कहा कि यह तो बस शुरूआत है आगे-आगे देखिए होता क्या है।
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाना भारत की बड़ी जीत है। इस बीच भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इसके मूर्त रुप लेने पर मैं खुश हूं।
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर पर बुधवार एक मई को बड़ा फैसला हो गया है। उसे संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है क्योंकि चीन का रुख लचीला हो गया है। एक मई को होने वाली यूएन प्रतिबंध कमेटी की बैठक में चीन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर लगाए गए अपने टेक्निकल होल्ड को वापस ले लिया है। इससे प्रतिबंधित समूह के खिलाफ वैश्विक वित्तीय प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
इससे पहले पाकिस्तान ने भी संकेत दिए थे कि वह जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख को ब्लैकलिस्ट कराने के लिए तैयार है, लेकिन इस शर्त पर कि वह पुलवामा आतंकी हमले से संबंधित नहीं था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को एक पाकिस्तानी टीवी शो 'इस्लामाबाद व्यू' में यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि भारत को सबूत देना चाहिए कि मसूद अजहर का पुलवामा में हमले से कोई लेना-देना था। अगर ऐसा नहीं है, तो हम लिस्टिंग पर चर्चा कर सकते हैं। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।
इस मामले से जुड़े जानकारों का भी कहना था कि चीन एक मई को संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने को लेकर अपने रुख को बदल सकता है। यह नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत है। दरअसल, भारत सरकार 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा था।
इस मामले में दुनिया भर के देशों का समर्थन भारत सरकार को मिला था। मसूद के खिलाफ 13 मार्च को फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने यूएन में प्रस्ताव पेश किया था। मगर, चीन ने आखिरी वक्त पर टेक्निकल होल्ड का वीटो लगाकर मसूद को इस प्रतिबंध से बचा लिया था। इसके बाद, अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को ब्लैकलिस्ट में डालने के लिए प्रस्ताव लेकर आया।
मसूद पर UN के प्रतिबंध का क्या असर होगा
मसूद पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दुनियाभर में उसकी संपत्ति जब्त हो सकती है। इसके अलावा न तो वह विदेश में यात्रा कर सकेगा और न ही हथियार खरीद सकेगा। वह भारत में हुए कई हमलों के लिए जिम्मेदार है। पुलवामा से पहले उसके संगठन जैश ने पठानकोट एयरबेस पर 2016 के हमले, साल 2001 में संसद पर हमला, उसी साल जम्मू-कश्मीर विधानसभा हमला और कश्मीर में सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों को अंजाम दिया है।
31 दिसंबर 1999 को आतंकवादियों ने काठमांडू से उड़ान भरने वाले एक भारतीय विमान को हाईजैक कर लिया था। उसके बंधकों को छुड़ाने के बदले में अजहर को रिहा किया गया था। इसके बाद से वह पाकिस्तान में रहते हुए लगातार भारत के खिलाफ आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है।