सरकार के मापदण्डों पर खरे उतर पा रहे IAS अधिकारियों की होगी छुट्टी, सरकार कर रही सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा
नई दिल्ली। देश की व्यवस्था पर बोझ बन चुके प्रशासनिक अधिकारियों की मुसीबत बढ़ने वाली है। ऐसे अफसरों की पहचान के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1,100 से अधिक अफसरों के सर्विस रिकार्ड की समीक्षा की है। जिन अधिकारियों ने 25 साल की सेवा पूरी कर ली है या 50 साल की उम्र को पार कर चुके हैं, उनकी कड़े मापदड़ों पर केंद्र ने समीक्षा कराई है। अखिल भारतीय सेवाओं के रूल नंबर 16 (3) (डेथ-कम-रिटायरमेंट बेनेफिट्स) के नियम, 1958 के तहत 2015 से 2018 के बीच सही तरह से कामकाज नहीं करने वाले अफसरों की जांच करने के लिए कुल 1,143 IAS अफसरों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा की गई है।
नियमों के मुताबिक संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से केंद्र सरकार किसी IAS अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम तीन महीने पूर्व नोटिस या तीन महीने के वेतन और ऐसे नोटिस के बदले भत्ते देकर सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त होने को कह सकती है।
कुल 1,143 अधिकारियों में से छत्तीसगढ़ कैडर के दो से चार, गोवा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों (या एजीएमयूटी कैडर) और बिहार कैडर से एक-एक को जनहित में वक्त से पहले सेवानिवृत्ति की सिफारिश की गई है। हालांकि, उन अफसरों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं।
कार्मिक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 5,104 IAS अफसर देश भर में काम कर रहे हैं। ऐसे कई राज्य हैं जिन्होंने केंद्र की याद दिलाने के बावजूद अपने यहां तैनात अधिकारियों के कार्य की समीक्षा नहीं की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, त्रिपुरा, केरल, तेलंगाना और उत्तराखंड के राज्यों ने 25 साल की सेवा के संबंध में अधिकारियों के रिकार्ड की गहन समीक्षा नहीं की है।