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इंदौर में बनेगी हाई सिक्यूरिटी जेल


मध्यप्रदेश के पहले और अंतिम जेल सुधार आयोग की सिफारिश के साढ़े चार-पांच दशक बाद इंदौर में हाई सिक्यूरिटी जेल बनने का रास्ता खुल पाया। राज्य सरकार की हरी झंडी के बाद सांवेर रोड पर मौजूद ऊंची पहाड़ी पर सेंट्रल जेल बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। 2131 कैदियों की क्षमतावाली इस जेल में अंडा सेल और आईसोलेशन सेल जैसा अति सुरक्षित कारागार भी बनेगा। मंदबुद्धि-विकलांग और थर्डजेंडर कैदियों के बैरक भी डिजाइन किए जा रहे हैं। पूरी जेल की निगरानी करने अष्टकोणीय वाच टॉवर भी रहेगा।

मध्यप्रदेश में 70 के दशक में गठित आयोग ने इंदौर शहर के लिए सेंट्रल जेल बनाने का सुझाव दिया था। साढ़े चार-पांच दशक तक यह प्रस्ताव लालफीताशाही का शिकार बना रहा। वर्ष 2002 में हाउसिंग बोर्ड ने इसके निर्माण का काम हाथ में लिया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। पांच साल बाद फिर प्रयास हुए पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद सरकार ने यह काम लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया है, पीआईयू ने परिसर की डिजाइन तैयार की है।
52 एकड़ की पहाड़ी : इस तरह अब जाकर सेंट्रल जेल बनने का रास्ता खुल पाया है। इंदौर नगर निगम सीमा के नजदीक सांवेर रोड पर मौजूद ऊंची पहाड़ी पर 51-52 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। तीन मंजिला जेल भवन और कैदियों की बैरक ऐसी बनाई जाएंगी कि सड़क से नजर नहीं आएगी। बंदियों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। नगर निगम सीमा में न होते हुए भी निगम ने जल प्रदाय व्यवस्था के लिए विशेष प्रावधान करने की सहमति दी है।

खूंखार कैदियों के लिए अंडा सेल : खूंखार कैदियों को रखने के लिए अंडा सेल और आईसोलेशन सेल भी बनाई जाएंगी। प्रदेश में भोपाल सेंट्रल जेल में अंडा सेल का निर्माण चल रहा है। इसके बाद इंदौर और छिंदवाड़ा की प्रस्तावित जेल में भी यह प्रावधान किया जा रहा है। अंडासेल तक पहुंचने के लिए चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को पार करना पड़ेगा। लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस ऊंची पहाड़ी को दो जोन में बांटा जा रहा है। कमलनाथ कैबिनेट प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है, 167 करोड़ के बजट का प्रावधान भी रखा गया है। जेल परिसर को दो चरण में विकसित करने की योजना है, जेल की मजबूत चहारदीवारी को छह मीटर ऊंचा बनाया जा रहा है।
एक दर्जन टॉवर करेंगे निगरानी

विभागीय सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में कैदियों के बैरक, अस्पताल, महिला कारागार, झूलाघर, अनाज गोदाम, ट्रेनिंग सेंटर, स्कूल, रिसेप्शन बैरक, मल्टीपरपज हॉल और एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का निर्माण प्रस्तावित है। किचन को बैरकों के पास भी बनाया जाएगा। पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक दर्जन टॉवर बनाए जाएंगे।

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