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एमसीएमसी का कार्य महत्वपूर्ण, समिति समय-सीमा में कार्य सम्पादित करें


 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मिश्र ने एमसीएमसी की बैठक ली

    उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शशांक मिश्र ने बुधवार को अपराह्न में बृहस्पति भवन में मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) की बैठक लेकर अधिकारी-कर्मचारियों से कहा कि समिति का कार्य महत्वपूर्ण है। निर्वाचन के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर पेड न्यूज प्रमाणन आदि कार्यों का समय-सीमा में कार्य सम्पादित किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारियों को दिये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि विज्ञापनों के प्रमाणन सम्बन्धितों को निर्धारित समय-सीमा में जारी करें। विज्ञापन की गणना के दौरान दरों का विशेष ध्यान रखें। जिन समाचार-पत्रों की सरकारी दरें नहीं हैं, ऐसे समाचार-पत्रों में पेड न्यूज की गणना के लिये दर तय करने हेतु कमेटी गठित की जायेगी। गठित कमेटी ऐसे समाचार-पत्रों की दरें निर्धारित कर गणना करेगी। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती शैली कनाश, समिति के सदस्य श्री विशालसिंह हाड़ा, श्री संदीप मेहता, डॉ.स्वामीनाथ पाण्डेय, श्री अंकित बिसेन, समिति सदस्य सचिव एवं संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय के उप संचालक श्री पंकज मित्तल आदि उपस्थित थे।

क्या है पेड न्यूज?

    बैठक में समिति सदस्य एवं जनसम्पर्क विभाग के उप संचालक श्री पंकज मित्तल ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि पेड न्यूज को प्रेस कौंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा परिभाषित करते हुए बताया गया है कि ऐसा समाचार या विश्लेषण जो प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पैसे देकर या वस्तु देकर छपवाया गया हो, को पेड न्यूज माना जायेगा। पेड न्यूज को लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत निर्वाचन अपराध के रूप में दर्ज कर दिया गया है। पेड न्यूज को रोकने के लिये वर्तमान तंत्र के माध्यम से पेड न्यूज छपवाने के व्यय की गणना कर उसे सम्बन्धित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जायेगा। मीडिया से आग्रह है कि वे किसी भी स्थिति में पेड न्यूज न छापें।

एमसीएमसी का दायित्व

    लोकसभा निर्वाचन के लिये जिला स्तरीय एमसीएमसी गठित की गई है। समिति द्वारा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित होने वाली पेड न्यूज का चिन्हांकन कर उक्त पेड न्यूज के व्यय की गणना डीएव्हीपी/डीपीआर दरों के आधार पर की जाकर मूल्य निर्धारण किया जायेगा। पेड न्यूज का मूल्य सम्बन्धित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ने हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जायेगा। इस नोटिस की 01 प्रति व्यय प्रेक्षक को भी भेजी जायेगी। जिला स्तरीय एमसीएमसी के पत्र के आधार पर रिटर्निंग अधिकारी पेड न्यूज के प्रकाशन अथवा प्रसारण के 96 घंटे के भीतर सम्बन्धित उम्मीदवार को इस आशय का नोटिस जारी करेंगे कि क्यों न उक्त न्यूज को पेड न्यूज स्वीकार करते हुए उसकी गणना की गई राशि उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ी जाये। उम्मीदवार अथवा पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा दिये गये जवाब पर एमसीएमसी अपने अन्तिम निर्णय से उम्मीदवार को अवगत करायेगी। ऐसे प्रकरणों में जिसमें उम्मीदवार नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के बाद भी यदि जवाब प्रस्तुत नहीं करता है तो समिति का निर्णय अन्तिम माना जायेगा। उक्त निर्णय यदि उम्मीदवार को अमान्य हो तो वह 48 घंटे के भीतर राज्य स्तरीय एमसीएमसी को अपील कर सकेगा। इसकी सूचना उम्मीदवार द्वारा जिला स्तरीय एमसीएमसी को देनी होगी। उम्मीदवार या पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा दिये गये जवाब पर एमसीएमसी अपने अन्तिम निर्णय से उम्मीदवार को अवगत करायेगी। ऐसे प्रकरणों में जिसमें उम्मीदवार नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के बाद भी यदि जवाब प्रस्तुत नहीं करता है तो समिति का निर्णय अन्तिम माना जायेगा।

राजनैतिक प्रकृति के विज्ञापनों को जारी करने के

पूर्व प्रमाणीकरण एमसीएमसी से कराना अनिवार्य होगा

    किसी भी राजनैतिक दल द्वारा निर्वाचन के दौरान राजनैतिक प्रकृति के विज्ञापनों का दूरदर्शन, निजी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर जारी करने के पूर्व प्रमाणीकरण जिला स्तरीय एमसीएमसी से कराना अनिवार्य होगा।

सोशल मीडिया के लिये प्री सर्टिफिकेशन

    बैठक में बताया गया कि सोशल मीडिया वेब साइट्स जिनको कि आयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में परिभाषित किया है, पर भी मीडिया सर्टिफिकेशन का नियम लागू होगा। सोशल मीडिया में जारी होने वाले विज्ञापनों का भी प्री सर्टिफिकेशन आवश्यक है। प्रत्येक निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवार को नामांकन भरने के समय सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी होगी। सोशल मीडिया के प्रकार- कोलेबरेटिव प्रोजेक्ट्स (विकीपीडिया), ब्लॉग्स एवं माइक्रो ब्लॉग्स (ट्विटर आदि), सोशल नेटवर्किंग साइट्स (फेसबुक आदि), वर्चुअल गेम्स (एप्स आदि)।

मीडिया सर्टिफिकेशन के लिये आवेदन की समय-सीमा

     चुनाव आयोग ने पंजीकृत राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पार्टी के उम्मीदवार विज्ञापन जारी करने के 03 दिवस पूर्व एवं अपंजीकृत राजनैतिक दल के उम्मीदवार 7 दिवस पूर्व अपना आवेदन एमसीएमसी को प्रस्तुत करेंगे। आवेदन के साथ प्रस्तावित विज्ञापन की इलेक्ट्रॉनिक कापी 2 प्रति के साथ ट्रांसस्क्रिप्ट 2 प्रति, विज्ञापन निर्माण में किया गया व्यय, विज्ञापन टेलीकास्ट करने में लगने वाले अनुमानित व्यय का ब्यौरा, विज्ञापन कितनी बार टेलीकास्ट होगा आदि का विवरण प्रस्तुत करना होगा।

एमसीएमसी के अन्य कर्तव्य

    बैठक में बताया गया कि सभी प्रकार के विज्ञापनों की छानीबीन करना तथा यह सुनिश्चित करना कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आने वाले विज्ञापनों का सर्टिफिकेशन करवाया गया है या नहीं। इसी के साथ मीडिया में जारी होने वाले राजनैतिक प्रकृति के अन्य विज्ञापनों की मॉनीटरिंग करना है। इसी तरह समिति प्रिंट मीडिया में जारी होने वाले उम्मीदवारों के विज्ञापनों की छानबीन और उस पर किये गये व्यय की राशि की गणना कर उसे निर्वाचन व्यय में जोड़ेगी। प्रिंट मीडिया में यदि विज्ञापन छपता है और बिना उम्मीदवार की सहमति के छापा जाता है तो उस व्यक्ति के विरूद्ध भादंसं 171एच के तहत कार्यवाही करेगी। इसी तरह समिति सभी प्रकार के चुनाव पेम्पलेट, हैंडबिल एवं अन्य विवरणिका पर प्रकाशक एवं मुद्रक के नाम तथा सामग्री की संख्या के विवरण की जांच लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-127ए के तहत करेगी।

एमसीएमसी के अधिकार

    जिला स्तरीय एमसीएमसी विज्ञापनों के प्रमाणीकरण करने से इस आधार पर इंकार कर सकती है कि वह प्रसारण योग्य नहीं है। समिति के फैसले के विरूद्ध राज्य स्तरीय एमसीएमसी में सम्बन्धित उम्मीदवार द्वारा अपील की जा सकेगी। राज्य स्तरीय समिति का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 13 अप्रैल 2004 के निर्णय अन्तर्गत बंधनकारी होगा।    

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