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वसन्त ऋतु में वासन्ती धूप की तरह खिले चेहरे किसानों के ऋण माफ होने से प्रफुल्लित हुए मन


 

    उज्जैन । मध्य प्रदेश शासन की ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ से किसानों के मन भारमुक्त तथा प्रफुल्लित हो रहे हैं। इस योजना से किसानों के तबके में चारों ओर खुशनुमा और तनावरहित माहौल बन रहा है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान अब कर्जा माफ होने से दिल से मुस्कुरा रहे हैं। उनके चेहरों से खुशी साफ झलक रही है। कहते हैं कि चेहरा मन का आईना होता है। यदि कोई अन्दर से दु:खी हो, परन्तु बाहर से सामान्य रहने का कितना भी प्रयास क्यों न करे, चेहरे पर उसकी पीड़ा साफ झलकती है, लेकिन अन्दर से खुश हो तो उसे अपने जज्‍बात बयां करने के लिये शब्दों का सहारा नहीं लेना पड़ता। उसका चेहरा ही बिना कुछ बोले सबकुछ बता देता है। वसन्त ऋतु के इस खुशनुमा मौसम में जब प्रकृति अपने सौन्दर्य के सर्वोच्च शिखर पर होती है, ऋण माफ होने से किसानों के चेहरे भी वसन्ती धूप की तरह खिल गये हैं।

    बड़नगर के ग्राम ओंकारपुरा के किसान छोटूलाल पिता अन्नाजी जब एक पैर से लाचार हो गये तो खेती के यंत्र खरीदने के लिये उन्हें सोसायटी से कर्ज लेना पड़ा। इसमें उन्हें खेती करने में तो सहुलियत होने लगी, लेकिन यह कर्ज अब उनके लिये नासूर बन गया था। छोटूलाल को अपनी लाचारी पर इतना घुस्सा नहीं आता था, जितना सिर पर चढ़े कर्ज पर आता था। गरीबी में आटा गीला होने वाली बात यह थी कि घर में एकमात्र अतिरिक्त आय का साधन दुधारू भैंस भी काल का ग्रास बन गई। आयेदिन बस यही चिन्ता लगी रहती थी कि पैसे न चुका पाने की वजह से कहीं खेती के उपकरण से हाथ न धोना पड़ जाये, लेकिन ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ छोटूलाल को नियती द्वारा दिये गये तमाम जलते हुए जख्मों पर ठण्डे मरहम की तरह साबित हुई।

    छोटूलाल का 39723 रुपये का कर्जा शासन द्वारा माफ कर दिया गया है। जैसे ही उन्हें ऋणमाफी का प्रमाण-पत्र मिला, उनके चेहरे से चिन्ता और परेशानी पलभर में काफूर हो गई और उसकी जगह ले ली दिल से निकली चमकभरी हंसी ने। छोटूलाल को याद नहीं आता कि इतने खुश वे आखिरी बार कब हुए थे। चेहरे पर आई इस तनावमुक्त मुस्कान के लिये वे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को कोटि-कोटि धन्यवाद देते हैं।        

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