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सिंहस्थ में हुए टंकी घोटाले की शिकायत करेंगे नगरीय प्रशासन मंत्री से


 
करोड़ों के घोटाले की जांच के लिए तीन बार संभागायुक्त ने जारी किये नोटिस, फिर भी नहीं की कोई कार्रवाई-अब नगरीय प्रशासन मंत्री से करेंगे कार्रवाई की मांग
उज्जैन। सिंहस्थ 2016 में हुए करोड़ों के टंकी घोटाले की शिकायत आज नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धनसिंह से शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष रवि राय करेंगे। पूर्व में भी रवि राय द्वारा की गई शिकायत पर संभागायुक्त ने तीन बार जांच हेतु नोटिस जारी किये लेकिन नगर निगम कमिश्नर ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, अब सिंहस्थ में हुए इस टंकी घोटाले की शिकायत आज नगरीय प्रशासन मंत्री को की जाएगी। 
रवि राय ने बताया कि सिंहस्थ 2016 में बनाए गए शौचालय, मूत्रालयों में संबंधित निर्माण एजेंसियों को पानी की टंकियां लगानी थी, ऐसे ही शहर के विभिन्न स्थानों एवं सिंहस्थ मेला क्षेत्र में निर्मित प्याउ निर्माताओं को स्वयं पानी की टंकियां स्थापित करना थी लेकिन नगर निगम उज्जैन स्टोर विभाग के अधिकारी सुबोध जैन एवं सरदारसिंह के द्वारा लघु उद्योग निगम के माध्यम से 3 हजार से अधिक पानी की टंकियां क्रय की गई जबकि जल कार्य की व्यवस्था करना पीएचई का दायित्व था और इतनी टंकियों की आवश्यकता नहीं थी। वहीं संपूर्ण मेला क्षेत्र में 24 घंटे पानी पाईप लाईन के माध्यम से सप्लाय किया जा रहा था, इसके बाद भी करीब 2 करोड़ 25 लाख की पानी की टंकियां खरीदी गई एवं 1 करोड़ 40 लाख के लगभग भुगतान भी कर दिया गया। वर्तमान में 3 हजार टंकियों में से रिकॉर्ड अनुसार 2200 टंकियां नहीं है एवं शेष टंकियां भी जब समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुई तो करीब 200 से 300 टंकियां कबाड़े में से खरीदकर ग्रांड होटल में रखवा दी गई थी। निगम सूत्रों से पता लगा है कि नगर निगम में मात्र 1 हजार टंकियां ही आई थी, शेष 2 हजार टंकियां कागजों पर खरीद कर आर्थिक अपराध किया गया। रवि राय ने बताया कि नगरीय प्रशासन मंत्री को बताएंगे कि समस्त मेला क्षेत्रों में 24 घंटे पानी प्रदाय किया था एवं मेला क्षेत्रों में आवंटित आश्रमों में शौचालय, मूत्रालयों के साथ पानी की पूर्ण व्यवस्था की गई थी इन्हीं के द्वारा टंकियां स्थापित की गई थी। साथ ही पानी की व्यवस्था का दायित्व पीएचई विभाग पर था परंतु नगर निगम द्वारा 4 हजार पानी की टंकी क्रय करना निश्चित रूप से लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से उक्त कार्य की स्वीकृति प्राप्त की गई, इसकी जांच कराई जाए।

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