महापौर, निगमायुक्त, झोन प्रभारी, पार्षद के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर
75 वर्षीय टाईगिरी बाबा ने लगाया न्यायालय की अवहेलना का आरोप-कहा अपने भ्रष्टाचार को दबाने के लिए अधिकारी और पार्षद मिलकर रच रहे मुझे बेदखल करने का षड़यंत्र
उज्जैन। साईनाथ कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय टाईगिरी बाबा हाथीवाले ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने के मामले में निगम कमिश्नर, महापौर, झोन 6 के प्रभारी, पार्षद विजयसिंह दरबार के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर कर सभी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।
दरअसल वार्ड क्रमांक 47 स्थित साईनाथ कॉलोनी में 28 सितंबर 1998 को 375 वर्गमीटर का भूखंड सरकार ने टाईगिरी बाबा हाथीवाले को स्वयं के निवास एवं हाथी पालने हेतु दिया गया था। सरकार द्वारा दिये भूखंड पर बाबा ने स्वयं के व्यय से मकान बनवाया तथा संपत्ति कर व प्रकाशकर भी जमा करते आ रहे हैं साथ ही विद्युत कनेक्शन भी लगा हुआ है। बाबा ने बताया कि साईनाथ कॉलोनी की जिस जमीन पर मैं वर्षों से रह रहा हूं निगम के अधिकारी और पार्षद ने मिलीभगत कर यहां बगीचे के नाम पर लाखों रूपये निकालकर भ्रष्टाचार कर दिया है। निगम अधिकारी कागज पर मैं जहां रह रहा हूं वहां बगीचा बताकर उसके जीर्णोध्दार के नाम पर रूपये निकालते रहे, लेकिन जब मामला सामने आया तो अब भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए मुझे बेदखल कर निगम अधिकारी यहां बगीचा बनाना चाहते हैं। पूर्व में भी पार्षद विजयसिंह दरबार द्वारा निगम अधिकारियों के साथ मिलकर मुझे यहां से बेदखल करने का प्रयास किया था और शौचालय भी तोड़ दिया था। बाबा ने बताया कि मेरे परिवार में 3 बेटियां हैं ऐसी हालत में जब सरकार शौचालय बनवाकर दे रही है तब पार्षद और अधिकारियों ने मुझे बेदखल करने के लिए यह घिनौनी कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के बाद 12 अक्टूबर 2018 को न्यायालय ने वादग्रस्त भूखंड पर अंतिम निराकरण तक हस्तक्षेप नहीं करने के आदेश दिये हैं। बावजूद निगम अधिकारी सांठगांठ करके अवैधानिक रूप से डरा धमका कर मुझे यहां से हटाने का प्रयास कर न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं। इसी कड़ी में कुछ दिन पहले न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए निगम अधिकारियों की टीम को बाबा को बेदखल करने हेतु भेज दिया। जिसके विरोध में बाबा ने महापौर, निगम कमिश्नर, झोन प्रभारी तथा पार्षद के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा हेतु वाद प्रस्तुत किया है। न्यायालय में वाद दायर कर टाईगिरी बाबा हाथीवाले ने 12 अक्टूबर 2018 को पारित स्थगन आदेश का उल्लंघन करने पर महापौर, निगम कमिश्नर, झोन प्रभारी तथा पार्षद के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है।