ऋण माफी योजना से किसानों के चेहरे पर आई सुकूनभरी मुस्कान
उज्जैन । ऋण चाहे कैसा भी हो, छोटा या बड़ा, सबके लिये बोझा ही होता है। यहां तक कि जब बहुत समय से कोई ऋण चढ़ा हो और वह उतर न पा रहा हो, तो ऐसे में जीवन भी एक बोझ की तरह लगने लगता है। वर्ग विशेष की बात अगर की जाये, तो किसानों को अक्सर कर्ज की समस्या से दोचार होना पड़ता है, जो अक्सर उनके लिये इतनी बड़ी और भीषण समस्या बन जाती है, जिससे छुटकारा पाने के लिये कई बार नैराश्य में वे अपनी जीवन लीला समाप्त कर बैठते हैं।
ऐसे में मध्य प्रदेश शासन की ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ किसानों के लिये अंधेरे में रोशनी की किरण बनकर आई है। दो लाख रुपये तक के ऋण माफ हो जाने से किसानों के चेहरे पर सुकूनभरी मुस्कान आई है। गत दिनों उज्जैन के सभी विकास खण्डों में इस योजना के तहत प्रभारी मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा द्वारा किसानों को ऋणमाफी के प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। इस दौरान ऋणमुक्त हुए किसानों से बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने ऋण से हुई परेशानी और अब ऋण माफ हो जाने से जिन्दगी में आये बदलाव को बयां किया।
बड़नगर के ग्राम पीपलू निवासी जगमोहन पिता गब्बाजी यादव बताते हैं कि उन्होंने लगभग दो वर्ष पहले सोसायटी से ऋण लिया था। सोचा था कि जब फसल अच्छी होगी, तब सारा उधार चुका देंगे, लेकिन वक्त की मार, विधाता की लीला कि पत्नी का स्वास्थ्य और फसल दोनों खराब हो गये। ऐसे में ऋण की मामूली रकम को चुकाना भी जगमोहन की बस की बात नहीं थी। नई सरकार का गठन हुआ, तो याद आया कि उन्होंने वचन दिया था कि सरकार बनते ही किसानों का कर्जा माफ कर दिया जायेगा, लेकिन साथ ही मन में निरन्तर शंकाओं के बादल भी घुमड़-घुमड़ कर आ रहे थे कि कहीं ये महज चुनावी जुमला न साबित हो।
लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने जो वचन दिया था, उसे निभाया भी। जगमोहन का 34468 रुपये का ऋण इस योजना के तहत माफ कर दिया गया है। प्रमाण-पत्र मिलने के बाद अब कहीं जाकर उन्हें राहत मिली है। वे मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का इसके लिये हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।