विवादित द्विप पर अकेली रहती है 81 वर्षीय महिला, 250 साल से कोई नहीं रहता यहॉं
सियोल. दक्षिण कोरिया और जापान के बीच स्थित दोकोदो द्वीप पिछले करीब 250 साल से खाली पड़ा है। इसकी वजह दोनों देशों के बीच द्वीप को लेकर विवाद है, जो अभी तक जारी है। इसी के चलते लंबे समय से द्वीप का विकास नहीं हो पाया। हालांकि, 81 साल की किम सिन-योल पिछले करीब 28 साल से यहां रह रही हैं। खास बात यह है कि वे इस द्वीप में रहने वाली इकलौती नागरिक हैं। इसके बावजूद वे द्वीप छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
द्वीप काे लेकर विवाद 200 साल से भी पुराना
दोकोदो द्वीप पर दक्षिण कोरिया और जापान अपना हक जताते हैं। दक्षिण कोरिया दावा करता है कि द्वीप 17वीं सदी से उसका अंग है, वहीं जापान इसे अपने लोगों का हिस्सा बताता है। दक्षिण कोरिया के करीब होने के बावजूद विवाद के चलते यहां सिर्फ पर्यटक पहुंच पाते हैं। हालांकि, ज्वालामुखी की वजह से वह भी ज्यादा दिन यहां नहीं ठहर पाते।
खराब मौसम में बाहरी दुनिया से संपर्क कट जाता है
किम सिन-योल पहली बार 1991 में अपने पति के साथ इस द्वीप पर आई थीं। प्राकृतिक गैसों और खनिजों से भरे होने के बावजूद बुनियादी जरूरतों की कमी के कारण तब यहां रहना काफी मुश्किल था। खराब मौसम के दौरान तो कई बार द्वीप महीनों के लिए पास के शहर से कट जाता था, लेकिन फ्री डाइविंग में महारत हासिल होने की वजह से उन्हें यहां रहने में कभी दिक्कत नहीं आई। किम के मुताबिक, कई बार उन्होंने सिर्फ मछलियां खाकर ही कई हफ्ते गुजारे।
इन दिक्कतों के बावजूद किम ने द्वीप पर रहने की ठानी और लंबे समय तक बिना किसी मदद के यहां की इकलौती रहवासी बनीं। पिछले साल पति के निधन के बावजूद भी किम इस द्वीप को नहीं छोड़ना चाहतीं। पुलिसकर्मी और लाइटहाउस ऑपरेटर कुछ दिनों के लिए यहां आने के बाद मुश्किल परिस्थितियां देख कर लौट जाते हैं, लेकिन किम बढ़ती उम्र में भी कोरियाई मेनलैंड लौटना नहीं चाहतीं।
सरकार नहीं देती किसी को रुकने की अनुमति
द्वीप के विवादित होने के बावजूद कई लोगों ने यहां रुकने की इच्छा जताई है। लेकिन स्थानीय सरकार सुविधाओं की कमी के चलते यहां किसी को भेजना नहीं चाहती। एक अधिकारी ने अमेरिकी मीडिया चैनल सीएनएन को बताया कि द्वीप में सिर्फ एक ही परिवार के रहने की जगह है। ऐसे में अभी किसी को वहां रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।