ऑपरेशन ऑलआउट ने उड़ाई आतंकियों की नींद, जैश और हिज्बुल ने मिलाया हाथ
श्रीनगर। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद आतंकी संगठनों के प्रमुख अब एक हो रहे हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आका सैयद सलाउद्दीन हमले के बाद दो बार मिल चुके हैं। रक्षा सूत्रों से पता चला है कि दोनों बार पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के आसपास मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की है। पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ने मसूद अजहर को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट भी कर दिया है।
16 और 21 फरवरी को इस्लामाबाद में मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, ये मीटिंग 16 और 21 फरवरी को हुई है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन ऑल आउट में दोनों आतंकी संगठनों के कई कमांडरों को मार गिराया है। इसके बाद से दोनों समूह अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए संसाधन साझा कर रहे हैं। पहले इन दोनों संगठनों के इलाके लगभग बंटे हुए थे। हिज्बुल ज्यादातर दक्षिण कश्मीर पर फोकस करता रहा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसने खुद को उत्तरी कश्मीर में भी खड़ा करने की कोशिश शुरू की है।
आंतकियों को स्थानीय सपोर्ट मुहैया करा रहे
हिज्बुल में स्थानीय आतंकी ज्यादा होते हैं, जबकि जैश में विदेशी यानी पाकिस्तानी आतंकवादी। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से ज्यादातर आतंकी उत्तरी कश्मीर से घुसपैठ करते हैं और वहीं अपना बेस बनाते हैं। हिज्बुल की कोशिश है कि वह पाकिस्तानी आतंकियों को लोकल सपॉर्ट भी मुहैया कराए। इंटेलिजेंस सूत्रों का मानना है कि दोनों आतंकी लीडर के बीच हुई इस मीटिंग में एक-दूसरे को मदद देकर फिर से मजबूत होने की साजिश पर बात हुई होगी।