बैंक-रिश्तेदारों के अलावा दूसरों से उधार अब गैरकानूनी
कारोबारी अब बैंक व वित्तीय संस्थानों या रिश्तेदारों के अलावा किसी और से पैसा उधार नहीं ले सकेंगे। गुरुवार से लागू नए कानून से बाजार में हड़कंप है। बैनिंग अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स अध्यादेश का नोटिफिफेशन कर तुरंत प्रभाव से कानून लागू भी कर दिया गया है। जानकार इसे फर्जी लेन-देन पर सर्जिकल स्ट्राइक बता रहे हैं और इसे नोटबंदी से भी सख्त फैसला करार दे रहे हैं।
पोंजी स्कीम, गैरकानूनी वित्तीय संस्थानों और चिटफंड कंपनियों पर लगाम लगाने की मंशा से नए कानून को लाए जाने की बात बीते दिनों से ही कही जा रही थी। अध्यादेश लाकर नया कानून लागू कर दिया गया है। शुक्रवार को जब नोटिफिकेशन सामने आया तो तमाम जानकार इसकी भाषा से चिंता में पड़ गए। नोटिफिकेशन के मुताबिक जिन्होंने व्यापार के रिकॉर्ड में किसी अन्य से लेन-देन या उधार दिखाया है उन्हें भी तुरंत लौटाना पड़ेगा।
हुंडी, चिट्ठी के लेन-देन पर भी संकट आना तय: सीए भरत नीमा के मुताबिक नए कानून में प्रावधान कर दिया गया है कि फर्म है तो पार्टनरों के अलावा किसी से उधार पैसा लेना या देना गैरकानूनी है। ऐसे आर्थिक व्यवहार पर 5 लाख से 25 करोड़ रुपए तक जुर्माने के साथ एक से सात वर्ष तक सजा का प्रावधान कर दिया गया है। इसके दायरे में सिर्फ व्यापारी नहीं बल्कि हर व्यक्ति भी आ रहा है। हुंडी, चिट्ठी के लेन-देन पर भी संकट आना तय है। इधर, विशेषज्ञों का एक गुट कह रहा है कि यह कानून गैरकानूनी डिपॉजिट स्कीम के लिए लाया गया है। बंगाल और केरल के साथ कई राज्यों में बिना आरबीआई या सेबी की अनुमति के वित्तीय संस्थान चल रहे हैं। इसमें कम ब्याज पर पैसा लेकर बाजार में ज्यादा ब्याज पर दिया जा रहा है। यह कानून ऐसे कारोबार पर नियंत्रण के लिए है।
अब इस तरह कारोबार करने में आएगी परेशानी
पोंजी स्कीम और फर्जी एंट्री पर रोक लगाने के लिए कानून बनना तय था। नोटिफिकेशन की भाषा कुछ और कह रही है। स्पष्टीकरण-संशोधन जारी नहीं हुए तो आम कारोबारी संकट में आ जाएंगे।