सरकार ने धर्म-निरपेक्षता के लिए सिमी की गैर-कानूनी गतिविधियों पर बढ़ाया नियंत्रण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर 5 और साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया है। सरकार का तर्क है कि संगठन माहौल बिगाड़ने वाली गतिविधियों में जुटा है। सिमी पर 2014 में प्रतिबंध लगाया गया था।
सिमी की गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना जरूरी: गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर सिमी की गैर-कानूनी गतिविधियों को तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले वक्त में वह विध्वंसक साबित होंगी। सिमी देश का धर्म निरपेक्ष ढांचा खत्म करने में लगा हुआ है। गृह मंत्रालय ने 58 केसों की सूची बनाई थी जिसमें सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल थे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि संगठन लोगों के मन में सांप्रदायिक नफरत फैला रहा है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। 2014 में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम, 2017 में गया में हुए धमाके और 2014 में भोपाल जेल तोड़ने में सिमी के सदस्यों का हाथ बताया गया था।
जांचकर्ताओं के मुताबिक: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल पुलिस ने सिमी नेताओं सफदर नागौरी, अबु फैसल समेत अन्य दोषियों के डिटेल दिए थे। सिमी सदस्यों पर बैंक डकैती, पुलिसकर्मियों की हत्या, धमाकों जैसे कई आरोप थे। 25 अप्रैल 1977 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में सिमी की स्थापना हुई थी। संगठन पर आरोप है वह भारत को इस्लामिक राज्य में बदलने के एजेंडे पर काम कर रहा है।