दिल्ली-एनसीआर में स्वाइन फ्लू का कहर, 440 संक्रमित, 9 की मौत
नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में स्वाइन फ्लू तेजी से अपने पैर फैला रहा है। जनवरी महीने में अब तक 440 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। तुरंत डॉक्टर को दिखा कर इलाज करवाएं। दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने अस्पतालों को प्रतिदिन की रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
स्वाइन फ्लू के चपेट में आए थे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह
पिछले दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह भी आ गए थे। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अमित शाह भर्ती रहे, जहां उनका इलाज चला।
दिल्ली की महानिदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा ने कहा कि स्वाइन फ्लू का इलाज शुरू में ही हो जाए तो मरीज को ज्यादा परेशानी नहीं होती है। इलाज में देरी होने पर परेशानी बढ़ सकती है। हर बुखार स्वाइन फ्लू नहीं होता है। सर्दी के मौसम में सामान्य फ्लू के मामले हर साल देखे जाते हैं। अस्पतालों को स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने का निर्देश दिया गया है। अस्पतालों में कर्मचारियों को एन 95 मास्क उपलब्ध कराया गया है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने दिल्ली में 13 जनवरी तक स्वाइन फ्लू के 168 मामलों की पुष्टि की थी। यह संख्या बढ़कर 440 पहुंच गई है। दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से इस महीने नौ मरीजों की मौत का मामला भी सामने आ चुका है। अकेले आरएमएल अस्पताल में अब तक इस बीमारी से पीड़ित छह मरीजों की मौत हुई है। यह सभी दिल्ली के रहने वाले थे। इनमें से चार पुरुष व दो महिलाएं थीं। इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल में तीन मरीजों की मौत हुई है।
यह तीनों एनसीआर के अलग-अलग शहरों के रहने वाले थे। हालांकि महानिदेशालय ने दिल्ली में स्वाइन फ्लू के कारण किसी मरीज की मौत होने से साफ इंकार किया है।
ठंड के मौसम में खांसी जुकाम व फ्लू के मामले अक्सर सामने आते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि स्वाइन फ्लू के वायरस खांसने, छींकने, हाथ मिलाने इत्यादि से फैलते हैं, इसलिए बचाव के लिए भीड़ वाली जगहों पर बेवजह जाने से बचना चाहिए। जरूरत पड़ने पर मास्क पहनकर ही मार्केट व मेट्रो में जाएं।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी ने कहा कि आयुर्वेद में भी स्वाइन फ्लू का कारगर इलाज है। आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खे अपनाकर गले की खराश व फेफड़े को संक्रमण से बचाया जा सकता है। दिल्ली के स्वास्थ्य महानिदेशालय की महानिदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा ने कहा कि मधुमेह, ब्लड प्रेशर, सांस की पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों, बुजुर्गों, बच्चों व गर्भवती महिलाओं को यह बीमारी होने खतरा अधिक रहता है।
फ्लू का टीका भी उपलब्ध
फ्लू से बचाव के लिए टीका भी उपलब्ध है। सर्दी शुरू होने से पहले बुजुर्गों को हर साल यह टीका लगवाना चाहिए। डॉक्टर बताते हैं कि अब स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैल चुका है। इसलिए टीका लगाने का खास फायदा नहीं होगा, क्योंकि टीका लगने के बाद शरीर में इम्यूनिटी विकसित होने में समय लगता है।
गुरुग्राम में स्वाइन फ्लू के दो मरीज मिले
सोमवार को दो स्वाइन फ्लू मरीज मिले। जिला में स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। जबकि 28 मरीज ऐसे मिले हैं जो अन्य शहरों के है और गुरुग्राम में इलाज कराने आए हुए थे। सिविल सर्जन डॉ. बीके राजौरा ने बताया कि मरीजों के सैंपल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल भेजे गए थे और दोनो मरीज प्राइवेट अस्पताल में इलाज ले रहे थे।
बीमारी के लक्षण
- बुखार, खांसी, नाक बहना, छींक आना, बलगम आना, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी।
- गंभीर लक्षण
- बलगम में ब्लड आना, चेस्ट में दर्द व बेहोशी होना
ऐसे करें बचाव
- स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर मरीज को एक कमरे में आइसोलेट करके रखें
- खांसी या छींक आने पर चेहरे पर हाथ न रखें, रूमाल या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें
- हाथों की नियमित सफाई करें, सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं
- किसी से मिलने पर हाथ न मिलाएं,
- बीमार होने पर खुद से इलाज न करें, डॉक्टर को दिखाएं
- खूब पानी पीयें
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय
- गर्म पानी में हल्दी व सेंधा नमक डालकर गरारा करें। इससे गले की खराश को राहत मिलती है।
- सितोपलादि चूर्ण का सुबह-शाम इस्तेमाल करने से फेफड़े की कार्य क्षमता बढ़ती है।
- आंवले का मुरब्बा व च्यवनप्राश का इस्तेमाल करने से भी फेफड़े की क्षमता बढ़ती है।
- ठंडी, खट्टी चीजों से परहेज करें, इन दिनों टमाटर के इस्तेमाल से भी बचें।
- बाहर की चीजें न खाएं
- गर्म पानी में तुलसी, अजवाइन व जीरा दो से तीन मिनट उबाल लें और फिर पानी का इस्तेमाल करें।
- दूध में हल्दी डालकर इस्तेमाल करें।