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सरकार सैलून से खरीदेगी बेकार बाल, इस जरूरी काम में होगा इस्तेमाल


लखनऊ। एक अभिनव पहल के तहत उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में बाल संग्रह केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। पहले चरण में बाल संग्रह केंद्र राज्य के उन दस शहरों में स्थापित किए जा रहे हैं जहां सबसे ज्यादा बाल फेंके जाते हैं। नाइयों से बाल खरीदने के बाद राज्य सरकार इन बेकार बालों में गौमूत्र और गोबर मिलकर अमीनो एसिड बनाएगी।
बता दें कि, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। इसके तहत हरित खादी संस्था संकलन सेंटरों के जरिए चालीस रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बाल खरीदेगी। सरकार की इस योजना में फिलहाल कानपुर और लखनऊ सहित राज्य के दस शहरों को शामिल किया जाएगा। प्लान के अनुसार इंसानों के बाल, गोबर और गौमूत्र के मिश्रण से अमीनो एसिड तैयार किया जाएगा। अमीनो एसिड का जैविक खाद से लेकर अन्य वस्तुओं में इस्तेमाल होगा।
खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने बताया कि, बाल खरीदने के सेंटर फरवरी या मार्च तक कानपुर और लखनऊ सहित कई शहरों में खोले जाएंगे। बालों, गोमूत्र और गोबर से अमीनो एसिड का उत्पादन करने के लिए एक प्लांट स्थापित किया जाएगा। प्लांट स्थापित करने के लिए सरकार ने एक नामी कंपनी से एमओयू साइन किया हैं। इससे प्लांट लगाने वाली कंपनी को भी फायदा होगा। प्लांट में तैयार अमीनो एसिड 150 रुपये लीटर बिकेगी। यह राशि लागत मूल्य से कम है। इसके लिए जिलेवार बाल काटने वालों का ब्योरा मंगाया गया है।
हरित खादी के अफसरों का कहना है कि बाल, गोबर और गौमूत्र से तैयार होने वाला अमीनो एसिड मल्टीपरपज होगा। इसका इस्तेमाल कीटनाशक दवाइयां बनाने में भी किया जाएगा। वैसे इस रसायन का सबसे अधिक इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाएगा। फिलहाल राज्य सरकार अमीनो एसिड बनाने का प्लांट लगाने का काम शुरू करने की योजना बना रही है। हरित खादी संस्था के अधिकारी ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग विभाग से समझौता हो चुका है। अब कानपुर, लखनऊ सहित दस शहरों में बाल खरीद सेंटर खोले जाएंगे। इसके बाद अन्य जिलों, तहसील, ब्लाक फिर गांव स्तर पर बाल खरीद संग्रह केंद्र खुलेंगे।
इन बालों का इस्तेमाल साफ-सफाई वाले ब्रश के अलावा अन्य चीजें बनाने में होगा। बाल संग्रह केंद्र खोलने से पहले संस्था ने बालों की सर्वाधिक उपलब्धता के लिए सर्वे कराया है। शहर में सैलून के अलावा कर्मकांड और धार्मिक स्थलों से करीब आठ सौ किलो बाल निकलते हैं। वर्तमान समय में ये बाल कूड़े में फेंक दिए जाते हैं। कानपुर जिले में लगभग 1900 लोग बाल काटने के धंधे में है। इसके अलावा धार्मिक, कर्मकांड और मुंडन संस्कारों वाले स्थलों पर भी अधिक मात्रा में बाल निकलते हैं।
इन जिलों में खोले जाएंगे केंद्र
बीएचकेजीएस द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के नियंत्रक विजय राय ने कहा कि इस परियोजना पर दो साल के गहन शोध के बाद हम मानव बाल, गाय के गोबर और गोमूत्र के साथ अमीनो एसिड का उत्पादन करने में सक्षम हुए। हम लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि वे संग्रह केंद्र चला सकें और अमीनो एसिड उत्पादन में मदद कर सकें। पहले चरण में कानपुर शहर, कानपुर देहात, लखनऊ, बांदा, सीतापुर, हरदोई और फैजाबाद में केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य जिलों में इस तरह के केंद्र खोले जाएंगे।
कर्नाटक की कंपनी से मिला ऑर्डर
कर्नाटक की एक कंपनी द्वारा खादी ग्राम उद्योग के संपर्क में आने के बाद इस योजना में तेजी लाई गई और परीक्षण के आधार पर 50,000 लीटर अमीनो एसिड के लिए ऑर्डर दिया गया। यदि सबकुछ ठीक रहा तो कर्नाटक की कंपनी के लिए उत्तरप्रदेश में ही प्रति माह लगभग दो लाख लीटर अमीनो एसिड तैयार किया जाएगा।

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