EVM Hacking को लेकर राजनीति शुरू, कांग्रेस समेत कईं दलों ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। लंदन में एक हैकर द्वारा ईवीएम हैक होने का दावा किए जाने के बाद एक बार फिर से देश में इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार के विरोध में खड़े हो गए हैं वहीं भाजपा और सरकार ने इन दावों को खारिज किया है। साथ ही चुनाव आयोग भी इन दावों को सिरे से नकार चुका है।
विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम के फूल-प्रूफ होने पर उठाए जा रहे सवालों के बीच कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में 30 से 50 फीसद पेपर ट्रेल पर्चियों की गिनती कराने की मांग उठाई है। कांग्रेस के मुताबिक चूंकि लोकसभा चुनाव में ज्यादा दिन नहीं बचे, ऐसे में चुनाव अब ईवीएम से ही होंगे। मगर इसकी विश्वसनीयता के लिए वीवीपैट पेपर टे्रल पर्चियों की गिनती जरूरी है। चुनाव आयोग से इसकी मांग करने से पहले विपक्षी दलों की बैठक भी जल्द होने वाली है।
कोलकाता में यूनाइटेड इंडिया रैली के बाद विपक्षी दलों के नेताओं की वहां हुई बैठक में ईवीएम के मसले पर संयुक्त रणनीति पर भी चर्चा हुई थी। विपक्षी दलों के बीच हुई मंत्रणा में ईवीएम पर चर्चा की पुष्टि करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव की विश्वसनीयता सर्वोपरि है। इसलिए ईवीएम का पूरी तरह सुरक्षित बनाया जाना अहम है।
ईवीएम से जुड़ी वीवीपैट से निकलने वाली पर्चियों की गिनती कर इसकी विश्वसनीयता कायम रखी जा सकती है। मगर केवल एक या दो फीसद पेपर ट्रेल पर्चियों की सैंपल गिनती से बात नहीं बनेगी। इसके लिए जरूरी है कि 50 फीसद नहीं तो कम से कम 30 फीसद पेपर ट्रेल पर्चियों की गिनती की जाए।
वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव में एक-एक वोट की कीमत होती है। कोलकाता की रैली के बाद सभी विपक्षी दल ईवीएम मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। हम यह मामला चुनाव आयोग के सामने उठाएंगे।
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। खुद भाजपा ने ही ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे। यह फुलप्रूफ नहीं है, इसकी जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाएं।
भाजपा ने दिया दावों का ऐसा जवाब
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन दावों को नाकरते हुए कहा है कि ईवीएम हैक किए जाने के आरोप बकवास हैं। कांग्रेस की मूर्खता संक्रामक रोग की तरह बढ़ती जा रही है। राफेल और 15 उद्योगपतियों के कर्जमाफी के झूठे दावे के बाद कांग्रेस अगला बड़ा झूठ ईवीएम की हैकिंग के रूप में लाई है।
यह है दावा
लंदन में एक भारतीय हैकर ने न सिर्फ यह आरोप लगाया है बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत का श्रेय भी खुद ले लिया है। उसने दावा किया है कि उसकी टीम ने इन राज्यों में कांग्रेस को बचा लिया। अमेरिका में राजनीतिक शरण लिए हुए भारतीय हैकर सैयद शुजा ने लंदन में चल रही हैकथॉन में यह दावा किया है। स्काईप के जरिए पत्रकारों से बात करते हुए उसने कहा कि ईवीएम की हैकिंग हो सकती है। उसने 2014 के लोकसभा चुनाव को भी हैक्ड बताया है।
..तो तीन राज्य भी जीत जाती भाजपा
शुजा ने दावा किया कि हाल में संपन्न राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का चुनाव भी भाजपा जीत जाती, लेकिन उसकी टीम ने हैकिंग की कोशिशों को नाकाम कर दिया। उसने कहा कि दूरसंचार कंपनी रिलायंस जिओ कम फ्रीक्वेंसी वाले सिग्नल के जरिए हैकिंग में भाजपा की मदद करती है। हालांकि, अपने दावे के समर्थन में उसने कोई सबूत नहीं दिया। यहां यह भी बताते चलें कि 2014 के चुनाव हैक होने का दावा किया गया, लेकिन तब रिलायंस जिओ का गठन नहीं हुआ था। इस कंपनी को पांच सितंबर, 2016 को लांच किया गया था।
हैकर पर कार्रवाई करेगा आयोग
हैकर के दावे पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है। मशीन तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में ही तैयार होती है। लंदन में हैकिंग को लेकर आयोजित कार्यक्रम को चुनाव आयोग ने प्रायोजित करार दिया है। आयोग ने हैकर के दावों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार करने की बात कहते हुए ईवीएम को छेड़छाड़ से मुक्त करार दिया है।
आयोग ने एक बार फिर से अपनी इस बात को दोहराया है कि वर्ष 2010 में ही आयोग ने मशीनों की गुणवत्ता जांचने परखने के लिहाज से एक तकनीकी समिति का गठन किया था। सभी मशीनें इस समिति की देखरेख में ही बनती हैं। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से किया जाता है। यह निर्माण बेहद कठोर निगरानी और सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए होता है।
सिब्बल की मौजूदगी पर सवाल
हैकथॉन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने उन्हें वहां भेजा है। वहीं कांग्रेस ने सफाई दी कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस की कोई भागीदारी नहीं है। न ही इससे कोई सरोकार है। कपिल सिब्बल साफ कर चुके हैं कि वे निजी निमंत्रण पर वहां गए हैं।