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रेलवे स्टेशनों पर शान से लौटेगा कुल्हड़, जानिए क्या करने जा रही सरकार


नई दिल्ली। अगर सबकुछ ठीक रहा तो रेल यात्री एक बार फिर कुल्हड़ वाली चाय का लुत्फ उठा पाएंगे। फिलहाल, वाराणसी और रायबरेली स्टेशनों में यह व्यवस्था लागू होगी। उत्तर रेलवे और उत्तर-पूर्व रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक की ओर से इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में वाराणसी और रायबरेली स्टेशनों में तत्काल प्रभाव से खानपान की चीजों को परोसने के लिए मिट्टी के कुल्हड़, गिलास और प्लेट आदि का इस्तेमाल सुनिश्चित करने को कहा गया है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने रेल मंत्री को दिसंबर में पत्र लिखकर इसका प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि कुंभकार सशक्तीकरण योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 300 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण किया जा चुका है और 1000 का प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में 100 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण किया जा चुका है। 700 और चाक लोगों को दिए जाएंगे।
15 साल पहले लालू यादव ने लागू किया था कुल्हड़
वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में कुल्हड़ को अनिवार्य कर दिया था। उन्होंने यह साफ कर दिया था कि खाने-पीने की गर्म चीजों को केवल कुल्हड़ में ही परोसा जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए रेलवे बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया था, बल्कि इसे आमदनी के स्त्रोत के रूप में रखा गया था और 1072 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था।

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